![डिफॉल्टर्स का फारेंसिक ऑडिट करवाएगी सरकार](https://media.newstracklive.com/uploads/business-news/economy-news/Mar/18/big_thumb/npa_58cd2e8ed5273.jpg)
नई दिल्ली : सरकारी बैंकों के बढ़ते एनपीए से चिंतित सरकार ने अब बैंकों के चुककर्ताओं के खिलाफ सख्त रवैया अपना लिया हैं. इनके लिए वह नियमों में भी बदलाव कर रही हैं.सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक एनपीए से निपटने के लिए डिफॉल्ट करने वालों के खिलाफ सख्त कर्रवाई करने की भी योजना बनाई जा रही है.उन लोगों को भी नहीं बख्शा जाएगा, जिन्होंने कारोबार के नाम पर ऋण लिया था, लेकिन उसे वापस नहीं किया.
सूत्रों के अनुसार वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भारतीय रिजर्व बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों और बैंकों के अधिकारियों के साथ पिछले हफ्ते ही हुई बैठकमें एनपीए से निपटने के लिए योजना बनाना शुरू कर दिया है. खबर हैं कि सरकार जल्द ही इन एनपीए को लेने के लिए बैड बैंक की शुरुआत करने वाली है, लेकिन फिर भी बैंकों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने यहां के एनपीए की समीक्षा कर रिपोर्ट दें. यह भी पढ़ें
इसी क्रम में सभी सरकारी बैंकों को निर्देश दिए गए हैं कि टॉप 50 ऋण चूक करने वाले लोगों के खिलाफ फॉरेंसिक ऑडिट की जाए, ताकि उन मामलों को इससे अलग किया जा सके, जहां पर व्यवसाय फेल होने से लोन का नुकसान हुआ है.स्मरण रहे कि सार्वजनिकक्षेत्र के बैंकों का एनपीए 2016-17 में अप्रैल-दिसंबर के दौरान करीब 1 लाख करोड़ रुपए बढ़ गया है. 2015-16 में जो ग्रॉस एनपीए 5.02 लाख करोड़ रुपए था, वह 31 दिसंबर 2016 तक यानी 9 महीनों में बढ़कर 6.06 लाख करोड़ रुपए हो गया है.
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