अच्छे मानसून से खरीफ बुआई का रकबा 954.18 लाख हेक्‍टेयर के पार पहुंचा

अच्छे मानसून से खरीफ बुआई का रकबा 954.18 लाख हेक्‍टेयर के पार पहुंचा
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नई दिल्ली : इस साल मानसून की बारिश सामान्य से 103 फीसदी से अधिक रही है. बेहतरीन बारिश का सीधा असर फसल पर पड़ता है. फ़िलहाल तो मानसून का असर खरीफ की बुआई पर पड़ा है. अब तक खरीफ फसलों का बुवाई रकबा पिछले साल के मुकाबले तकरीबन 58.27 लाख हेक्टेयर ज्यादा रहा है. कृषि मंत्रालय से मिले ताजा आंकड़ों के अनुसार अब तक खरीफ का कुल बुवाई क्षेत्र 954.18 लाख हेक्‍टेयर से अधिक हो गया है, जबकि पिछले साल इस समय यह आंकड़ा 895.91 लाख हेक्‍टेयर था.

इसका सबसे बड़ा कारण जुलाई से लेकर अगस्त तक हो रही जोरदार बारिश है. पूरे देश में अच्छी बारिश से बुआई का रकबा बढ़ा है. इस बार खरीफ में  दालों  की बुआई का रकबा बढ़ने से महंगी दालों से कुछ हद तक निजात मिल सकती है. इस साल दलहन के बुवाई रकबे में जोरदार बढ़ोतरी देखी गई है. पिछले साल 13 अगस्त तक दालों की बुवाई 97.74 लाख हेक्टेयर रकबे में हुई थी, लेकिन खरीफ सीजन में इस बार दलहन फसलों का बुवाई रकबा 130.17 लाख हेक्टेयर रहा है. अच्छे मॉनसून का असर दाल की बुवाई पर भी दिख रहा है. इससे इस बार आने वाले महीनों में दालों की कीमतों में कमी आने की पूरी संभावना है.

इसी तरह खरीफ सीजन की मुख्य फसल धान की बुवाई का रकबा पिछले साल के 304.71 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 326.08 लाख हेक्टेयर रहा है. यानी धान उत्पादक राज्यों में रकबे में बढ़ोतरी हुई है. मोटे अनाजों की खरीफ बुवाई भी इस बार पिछले साल के मुकाबले तकरीबन 10 लाख हेक्टेयर बढ़कर 173.56 लाख हेक्टेयर दर्ज की गई है.

सरसों और मूंगफली जैसी तिलहन फसलों का बुवाई रकबा भी खरीफ सीजन के दौरान पिछले साल के मुकाबले 10 लाख हेक्टेयर बढ़कर 172.25 लाख हेक्टेयर हो गया है. कुल मिलाकर खरीफ की फसल के लिए  फ़िलहाल अच्छे हालात हैं. यदि सब कुछ ठीक रहा तो इस साल खरीफ की अच्छी फसल उतरेगी जिसका असर बाजार पर भी पड़ेगा और महंगाई में कमी आएगी.

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