Aug 09 2016 06:44 PM
नई दिल्ली। इस्लामिक शैक्षणिक संस्थान दारूल उलूम देवबंद अपने फतवों के लिए अधिक जानी जाती है। इस बार इस फतवे में यह कहा गया है कि यदि कोई विग या नकली दाढ़ी लगाकर नमाज़ अता करता है तो फिर इस तरह की नमाज़ आधी ही होती है। इस तरह से नमाज़ अता नहीं करना चाहिए।
दरअसल दारूल उलूम के प्रवक्ता अशरफ उस्मानी ने कहा कि वजू और गुस्ल दो धार्मिक मान्यता हैं। वजू वह होता है जिसमें नमाज़ से पहले हाथ, मुंह और सिर धोया जाता है और गुस्ल स्नान करना होता है।
दरअसल यह माना जाता है कि यदि विग पहनी हुई हो तो फिर सिर पूरी तरह से गीला नहीं होता। ऐसे में शरीर अशुद्ध रह जाता है। उनका कहना था कि ट्रांसप्लांट बाल नेचरल बालों की तरह होते हैं ऐसे में पानी सिर की त्वचा को आसानी से गीला कर सकता है।
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