असहिष्णुता जैसे मुद्दे से विदेशी सैलानियों को कोई फर्क नही पड़ता

असहिष्णुता जैसे मुद्दे से विदेशी सैलानियों को कोई फर्क नही पड़ता
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नई दिल्ली। भारत में संसद से लेकर सड़क तक असहिष्णुता के मुद्दे पर बहस चल रही है। रोज नए बयान और उस पर अलग-अलग और विवादित प्रतिक्रियाएँ। ऐसे में एक सवाल मन में उभरना लाजमी है, कि विदेशी भारत के बारे में क्या सोचते है। विदेशी जब भारत आते है तो टूरिस्ट प्लेसेस पर रखी विजिटर्स बुक में भारत के प्रति अपने भाव को लिख कर जाहिर करते है।

पिछले 11 महीने में 66 लाख पर्यटक भारत आए। सबसे अधिक विदेशी पर्यटक तमिलनाड् जाते है। इसके बाद 21 प्रतिशत पर्यटक महाराष्ट्र व उतर प्रदेश जाते है। एक आंकड़े के मुताबिक 2014 की अपेक्षा 2015 में 4 प्रतिशत अधिक पर्यटक भारत आए। दुनिया के सबसे ज्यादा पर्यटक सबसे पहले फ्रांस फिर अमेरिका जाते है, इस मामले में भारत का नंबर 41 वां है। 36 प्रतिशत टुरिस्ट उतरी भारत जाते है।

अब बताते है अलग-अलग देशों से आए विदेशियों की भारत के अलग-अलग राज्यों के बारे में राय--

कजाकिस्तान से आए कुसैनोव अबेलगाजी लिखते हैं- मैं महात्मा गांधी को जानने के लिए साबरमती आश्रम आया था। पता चला कि भारत के लोग गांधी से प्रभावित हैं। उनकी बातों में, व्यवहार में प्यार झलकता है। ऐसा कहीं और नहीं दिखता। चीन के शंघाई से आए एडनीन लिखते हैं हम लोग भारतीय मुस्लिम संस्कृति और आर्किटेक्चर से आश्चर्यचकित हैं। दूसरी ओर, बिहार के बोधगया की विजिटर्स बुक में कंबोडिया की शारा लिखती हैं कि भारतीय बहुत मिलनसार हैं। राजगीर देखने पहुंची इंडोनेशिया की पिट्रिक ने लिखा कि भारत ऐसा देश है जहां बार-बार आने का मन करता है। जयपुर के हवा महल, आमेर का किला, जल महल देखने आईं अज़रबैजान की लैला एलियेवा का कहना है कि इंडिया एज अमेजिंग।

ये थी एशियाई टुरिस्ट की बात, अब अमेरिकन क्या सोचते है।

उदयपुर आए नार्थ कैरोलिना के इलिज बैंकसिले ने लिखा- मैं दो महीने भारत में रहा। यह देश अमेरिका से बिलकुल अलग है। यहां लोग हर पल खुश रहते हैं। बहुत से तो अपनी जिंदगी देश सेवा में खपाने में यकीन करते हैं। जयपुर आए अर्जेंटीना के फ्रेंको लिखते हैं- अपनी हो या दूसरों की संस्कृति, भारतीय लोग सभी का सम्मान करना बखूबी जानते हैं। आमेर महल देखने आए कैलिफोर्निया के मॉर्गन ने लिखा- कई देश घूम चुका। पर भारत के लोग जितने पॉजिटिव स्पिरिट से जीते हैं, उतना कहीं नहीं। राजस्थानी जिंदादिल हैं, जोश और खुशी से मिलते हैं।

यूरोपीय देशों से आए पर्यटक मिस जेन स्मिथ, इंग्लैंड से सोनपुर मेला देखने आई और उन्होने लिखा कि इंडिया इज माय हार्ट। मैं 30 वर्षों से भारत आ रही हूं। यहां की हर चीज मुझे बहुत प्यारी लगती है। यहां की संस्कृति देख खुशकिस्मती का एक्सपीरियंस होता है। सब सुंदर है यहां। लखनऊ में इमामबाड़ा देखने आए ब्रिटेन के डेविड ने लिखा- भारत के लोग जिंदादिल हैं। इंग्लैंड की एलिजाबेथ ने लिखा- भारत की महान सांस्कृतिक यात्रा की शुरुआत है। जर्मन इडेव ने लिखा- भारत में अतिथियों को भगवान माना जाता है। ग्वालियर का किला देखने के बाद न्यूजीलैंड की वेनिसा ने लिखा- पहली बार पता चला कि इंडियन वुमन इतनी स्ट्रॉन्ग होती थीं कि उनके लिए अलग महल बनते थे। नासिक पहुंचे स्पेन की मारिया लिखती हैं- यहां की संस्कृति बेमिसाल है।

बता दें कि ये सारे पर्यटक 2 नवंबर से 20 नवंबर के दौरान भारत में थे जब आमिर के असहिष्णुता वाले बयान पर पूरा देश जल रहा था और तरह-तरह की प्रतिक्रियाएँ दे रहा था।

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