विकास के लिए पेड़ों को काटने पर मंत्री कर रहे चिंतन

नईदिल्ली। हाल ही में केंद्र सरकार के दो मंत्रियों ने विकास के लिए अलग अलग तरह से चिंतन किया है। जिसमें यह बात सामने आई है कि राजमार्गों की ओर हरा - भरा बनाना चाहते हैं केंद्रीय मंत्री पेड़ों को अपनी इच्छा के अनुसार काटने की इच्छा रख रहे हैं उनका कहना है कि रेलवे द्वारा अपनी इच्छा के अनुसार खाली भूमि पर लगे पेड़ों को काटने की अनुमति मांगी गई है। इस दौरान उन्होंने कहा कि वृक्षों को काटने के लिए वन मंत्रालय की स्वीकृति बेहद जरूरी है।

पर्यावरण संरक्षण के लिए रेलवे द्वारा स्वयं ही अपनी पहल पर ट्रैक के दोनों ओर 44000 हैक्टेयर रिक्त भूमि पर लाखों पेड़ - पौधे लगाए जाऐंगे। प्रभु द्वारा कहा गया है कि पर्यावरण संरक्षण के लिए रेलवे ने स्वयं ही अपनी ओर से पहल  की है। ट्रैक के दोनों तरफ 44 हजार हैक्टेयर रिक्त भूमि पर पेड़ - पौधे लगाए रोपे गए लेकिन अब विकास कार्य के चलते इन्हें काटने की जरूरत महसूस की गई है। मिली जानकारी के अनुसार इसके विपरीत केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी एक्सप्रेस वे और 16 लेन के निर्माण के लिए रास्ते में आने वाले पेड़ों को रिप्लेस करने में लगे हैं।

इसलिए वे कुछ नीतियां बना रहे हैं जिनके अनुसार पेड़ों को काटने की बजाय एक स्थान से दूसरे स्थान पर रोपा जा सकेगा। हालांकि इसके लिए स्थानीय प्रशासन और मंत्रालय की अनुमति लिए जाने की बात सामने आई है। क्षमता विस्तार के लिए रेलवे को नई लाईनें बिछाने, इकहरी लाईन को दोहरा करने और मीटर गेज लाईन को ब्राॅड गेज में तब्दील करने की आवश्यकता पड़ती है। ऐसे में रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने मंत्रालय से अनुमति मांगने और पेड़ काटने की बात कही है। 

न्यूज ट्रैक वीडियो

- Sponsored Advert -

Most Popular

- Sponsored Advert -