9/11 हमले में भारत से दिया गया था खर्च का कुछ हिस्सा
9/11 हमले में भारत से दिया गया था खर्च का कुछ हिस्सा
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नई दिल्ली : अमेरिका में 9/11 हमलों में उपयोग धन का कुछ हिस्सा भारत से दिया गया था। पूर्व शीर्ष पुलिस अधिकारी नीरज कुमार ने इस बात का खुलासा किया है और इसके साथ ही उन्होंने अपने इस दावे का आधार एक आतंकवादी द्वारा किए गए खुलासे को बताया है। बताते चले की कुमार ने CBI में काम किया था और वह 2 साल पहले दिल्ली पुलिस आयुक्त के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे।

उन्होंने बताया की इस धन को अपहरण के जरिये उगाया गया था और आतंकवादी उमर शेख ने इसे 9/11 हमलावरों के सरगना मोहम्मद अट्टा के हवाले किया था। जानकारी दे की शेख को भारत ने 1999 में इंडियन एयरलाइंस के अपहृत विमान के बदले में आज़ाद किया था। IPS के 1976 बैच के अधिकारी कुमार ने हरकत उल मुजाहिद्दीन के आतंकवादी आसिफ रजा खान से मिली जानकारी के आधार पर कहा की शेख को धन आतंकवादी आफताब अंसारी ने दिया था। आफताब कोलकाता के अमेरिकन सेंटर पर हुए हमले के लिए जिम्मेदार था। आसिफ रजा ने बताया कि उसके बॉस आफताब अंसारी ने खादिम शूज के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक पार्थ प्रतिम राय बर्मन के अपहरण से वसूली गई फिरौती की रकम को उमर शेख से साझा किया था।

बता दे की अंसारी अब अमेरिकन सेंटर हमले के लिए पश्चिम बंगाल की जेल में फांसी की सजा का इंतजार कर रहा है। कुमार ने 1993 के बंबई बम धमाको के बाद अपराध जगत की गतिविधियों के बारे में लिखी पुस्तक में कहा कि बर्मन अपहरण की फिरौती का कुछ हिस्सा..करीब एक लाख डॉलर (उस वक्त करीब 49 लाख रुपये) बाद में उमर शेख के जरिये मोहम्मद अट्टा तक पहुंचा दिया गया था। फिलहाल CBI की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा की अगुवाई कर रहे कुमार ने कहा कि आसिफ रजा खान के मोहम्मद अट्टा तक धन पहुंचाने के खुलासे का उल्लेख FBI की आतंकवाद निरोधक शाखा के उप सहायक निदेशक जान एस पिस्टोल ने वाशिंगटन में जुलाई 2003 में सीनेट की आतंकवादियों के वित्तपोषण संबंधी समिति के समक्ष किया था।

इस पुस्तक में कुमार ने पीछा करने, योजना बनाने, नौकरशाही के बीच होने वाली खींचतान तथा अंतत: भारत के सर्वाधिक वांछित आतंकवादी दाउद इब्राहिम से उनकी टेलीफोन पर हुई बातचीत का जिक्र किया है। साथ ही साथ कुमार ने इस पुस्तक में एक फोन काल का भी जिक्र किया है जो उनके करियर के आखरी दिनों में आया जब वह T-20 टूर्नामेंट में कथित स्पाट फिक्सिंग के मामले में कुछ क्रिकेटरों की गिरफ्तारी संबंधी अभियान की अगुवाई कर रहे थे। कुमार ने इस घटना के बारे में बताया की, मेरा मानना है कि वह दाऊद या उसका भाई अनीस था जिनके द्वारा मुझसे कहा गया कि मुझे उनका पीछा करना बंद कर देना चाहिए क्योंकि मैं सेवानिवृत्त होने वाला हूं। उन्होंने जिक्र करते हुए कहा कि दाउद इब्राहिम से उनकी पहली बार बातचीत बड़े विचित्र तरह से हुई थी।

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