उत्तर प्रदेश / झांसी : उत्तर प्रदेश में ओलावृष्टि से फसलो की बर्बादी के बाद कई किसानो ने मोत को गले लगा लिया है। ताजा घटना बुंदेलखंड जिले की है यहाँ रविवार को देर रात एक किसान ने अपने ही खेत में ही अपनी चिता सजा ली और खुद को जिंदा जला डाला। इस दौरान उसने अपनी पत्नी को भी आग में खींच लिया। जिससे दोनों की झुलसकर मौके पर ही मौत हो गई। घटना बुंदेलखंड जिले में बांदा के कमासिन थाना इलाके के अछरील गांव का है।
बांदा के बबेरू इलाके के एसडीएम ने बताया कि किसान रामकृपाल यादव (70) के पास 24 बीघा जमीन थी। दो बेटों और एक बेटी की शादी के बाद वह अपनी पत्नी के साथ खेत में बने कमरे में रहते थे। बेटों ने अपने हिस्से की जमीन ले ली थी। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने उनकी फसल को काफी नुकसान पहुंचाया था। उन्हें फसल बर्बादी का मुआवजा नहीं मिला था। इसके अलावा, 70 हजार रुपए का साहूकारों का कर्ज भी चुकाना था। इस वजह से वह काफी दिनों से परेशान थे।
रामकृपाल के खेत के आसपास रहने वाले किसानों ने बताया कि रविवार रात करीब 12 बजे रामकृपाल खेत में पहुंचे और काफी देर तक अपनी बर्बाद फसल देखते रहे। इसके बाद उन्होंने खराब फसल को एक जगह इकट्ठा किया। उसमें कुछ लकड़ियां डाल उसपर जा बैठे और माचिस से आग लगा दी। आग लगते ही लकड़ियां और सूखी फसल जलने लगी और रामकृपाल चीखने-चिल्लाने लगे। उनकी आवाज सुनकर पत्नी बच्ची देवी (55) उन्हें बचाने के लिए दौड़ीं।
किसान की पत्नी ने उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने अपनी पत्नी का हाथ पकड़कर उनको भी आग में खींच लिया। सोमवार सुबह घटना की सूचना मिलते ही एसडीएम विनय कुमार पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने दोनों के अवशेषों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। एसडीएम का कहना है कि मृतक किसान का बेटे के साथ विवाद चल रहा था। बेमौसम बारिश से किसान की फसल तबाह हो गई थी। ऐसे में आत्महत्या की वजह क्या है, यह जांच का विषय है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की स्थिति साफ हो सकेगी।
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