वर्गिकी (Taxonomy) वर्गीकरण का विज्ञान है, जो जीवों की व्यापक विविधता के अध्ययन को आसान बनाता है और जीवों के विभिन्न समूहों के बीच अंतर्संबंधों को समझने में हमारी मदद करता है। पादप जगत में प्रथम स्तर का वर्गीकरण पादप शरीर के अंतर, परिवहन के लिए विशेष ऊतकों की उपस्थिति, बीज धारण करने की क्षमता और बीज के फलों के अंदर पाये जाने पर निर्भर करता है।
पादप जगत का वर्गीकरण
पादप जगत को निम्न रूप में विभाजित किया जाता हैः
थैलोफाइटाः शैवाल, कवक और बैक्टीरिया जैसे सूक्ष्म जीवाणुओं के प्रकार को इस श्रेणी में रखा जाता है। शैवाल को तीन श्रेणियों में बांटा जाता है–लाल, भूरा और हरा शैवाल।
शैवाल की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
शैवाल की कोशिका भित्ति सेल्यूलोज की बनी होती है।
शैवाल के जननांग एककोशिकीय होते हैं।
शैवाल अपने भोजन को स्टार्च के रूप में संचयित करता है।
प्रजननः वानस्पतिक (Vegetative), अलैंगिंक (Asexual) और लैंगिक प्रजनन (Sexual) तरह से |
आर्थिक महत्वः यह खाद्य सामग्रियों, कृषि, व्यापार एवं व्यवसाय, जैविक अनुसंधान, घरेलू पशुओं के चारे और दवाओं के निर्माण में उपयोगी होता है। लेकिन कई शैवाल प्रदूषक का काम करते हैं और पेयजल को दूषित कर देते हैं। इसके अलावा, पानी के कई उपकरण शैवाल की वजह से बेकार हो जाते हैं। चाय के पौधों में सेल्फ़ालिओरस (Celphaleuros) शैवाल के कारण ‘रेड रस्ट’ नामक रोग हो जाता है |
ब्रायोफाइटाः पौधे जमीन और पानी दोनों में पाए जाते हैं लेकिन लीवर वार्ट्स, हॉर्न वार्ट्स, मॉस (Moss) आदि की तरह उभयचर होते हैं। ये पौधे भी स्वपोषी होते हैं, क्योंकि इनमें क्लोरोप्लास्ट पाया जाता है।
आर्थिक महत्वः इन पौधों में पानी को अवशोषित करने की अच्छी क्षमता होती है और इसलिए इनका प्रयोग बाढ़ को रोकने के उपाय के तौर पर किया जा सकता है। साथ ही इसे मिट्टी के कटाव को रोकने में भी इस्तेमाल किया जाता है। मॉस पौधे को इस्तेमाल पीट ऊर्जा नाम के ईंधन और एंटीसेप्टिक के तौर पर भी किया जाता है।
ट्रैकियोफाइटाः इन पौधों में संवहनी ऊतकों का अच्छा विकास होता है और वे जाइलम और फ्लोएम में विभाजित होते हैं। ट्रैकियोफाइटा निम्नलिखित तीन उपसमूहों में विभाजित किए जाते हैं– टेरिडोफाइटा, जिम्नोस्पर्म और एंजीयोस्पर्म।
(क) टेरिडोफाइटाः इन पौधों में बीज और फूल नहीं पाये जाते हैं। जैसेः क्लब मॉस, हॉर्सटेल्स, फर्न आदि