रोजगार देने वाले उद्योगों के लिए वाणिज्य मंत्रालय ने जीएसटी में राहत मांगी
रोजगार देने वाले उद्योगों के लिए वाणिज्य मंत्रालय ने जीएसटी में राहत मांगी
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नई दिल्ली : भले ही कोई स्वीकार करे या न करे लेकिन यह सच है कि नोटबन्दी से देश के उद्योगों में रोजगार देने के अवसरों में कमी आई है.शायद इसीलिए केंद्रीय उद्योग व वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण का मानना है कि अगर जीएसटी को वर्तमान स्वरूप में लागू किया गया तो बड़े स्तर पर नौकरियां जा सकती हैं.इसीलिए सीतारमण ने मंगलवार को जीएसटी परिषद के साथ बैठक में जीएसटी के दायरे से कुछ बड़े उद्योगों जैसे चमड़ा और सीमेंट के लिए प्रस्तावित शुल्क दरों में भारी बदलाव का समर्थन किया. उन्होंने चमड़ा और बागवानी उद्योगों को पूरी तरह से जीएसटी के दायरे से बाहर रखने की भी मांग की.

बैठक के बाद मंत्री सीतारमण ने बताया कि चमड़ा उद्योग को सामान व सेवा शुल्क (जीएसटी) के दायरे से पूरी तरह से अलग रखा जाना चाहिए. यह उद्योग सबसे ज्यादा रोजगार के अवसर प्रदान करता है. सरकार को इस पर सोचना चाहिए. अगर इसे अलग नहीं रखा जा सकता तो इस पर सबसे कम शुल्क लगाने की व्यवस्था होनी चाहिए.हालाँकि वाणिज्य व उद्योग मंत्री ने जो मांगे रखी हैं उसे स्वीकार करने में वित्त मंत्रालय को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है.

यही नहीं निर्मला सीतारमण ने सीमेंट उद्योग के साथ भी कुछ ऐसी ही सहानुभूति दिखाने की बात कही है क्योंकि इस उद्योग से भी काफी लोगों को रोजगार मिलते हैं. उन्होंने कहा कि सीमेंट उद्योग पर सबसे ज्यादा कर लगाया जाता है.इन उद्योगों के साथ ही सीतारमण ने निर्यातकों पर कर लगाने को ले कर जीएसटी के तहत जो प्रावधान किये गये हैं उन पर भी अपनी आपत्तियां दर्ज करवाई है. इस पर आगे और विस्तार से चर्चा होगी.

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