चीन की अर्थव्यवस्था में लगातार मंदी का दौर नजर आ रहा है और यह चीन के लिए काफी नुकसान भरा भी साबित हो रहा है. इसके साथ ही भारत में इसके ठीक उलट अर्थव्यवस्था का आलम देखने को मिल रहा है. वैसे तो अर्थव्यवस्था के अनुसार इनका मुकाबला किया जाना बहुत ही कठिन है क्योकि जहाँ एक तरफ चीन की अर्थव्यवस्था 10 हजार अरब डॉलर की है तो वहीँ भारत की अर्थव्यवस्था 2 हजार अरब डॉलर है. लेकिन फिर भी इनके मुकाबले को लेकर कवायदें इसलिए शुरू हो गई है क्योकि दोनों ही देश ब्रिक्स ग्रुप में शामिल है और चीन इस दौरान अर्थव्यवस्था में मंदी के दौर से गुजर रहा है जबकि भारत अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है.
चीन की अर्थव्यवस्था में मंदी आ रही है और यह उसके लिए एक बुरी खबर के रूप में सामने आ रही है जबकि बात करें भारत की तो निवेश के चलते यहाँ की स्थिति बहुत ही अच्छी बनी हुई है. रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि चीन में आई मंदी से भारत को काफी हद तक फायदा हुआ है क्योकि इसके कारण कमोडिटी के मूल्य भी प्रभावित हुए है.
कमोडिटी का मूल्य बढ़ना भारत के लिए एक अभिशाप के रूप में सामने आया जबकि चीन की मंदी से भारत को इस अभिशाप से उबरने में सहायता मिली है. इसके साथ ही आपको यह भी बता दे कि भारत में इस वर्ष "मेक इन इंडिया", "डिजिटल इंडिया" और "स्मार्ट सिटी योजना" आदि के कारण निवेश को बहुत बढ़ावा मिला है. जिसके कारण भी भारत को आगे आने में मदद मिली है.