खून-पसीने की कमाई दहेज़ पर नहीं यहां हो खर्च
खून-पसीने की कमाई दहेज़ पर नहीं यहां हो खर्च
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अररिया: हमारे देश में आज भी महिलाओं की अपेक्षा पुरूष शिक्षा पर अधिक महत्व दिया जाता है. क्योंकि अधिकतर लोगो की सोच यह रहती है कि, बेटी बड़ी हो जाए, और एक सामान्य सी शिक्षा देकर जल्द से जल्द उसकी शादी कर दी जाए. एवं जो पैसा उसकी शिक्षा आदि में खर्च किय जाना चाहिए, वह उसकी शादी और दहेज़ मे खर्च किया जाए. 

जहां एक ओर देश में इस प्रकार की सोच वाले कई लोग मौजूद हैं, वही इन लोगो की सोच पर अंकुश लगाने के लिए भी कई व्यक्ति और संगठन मौजूद है. कल गुरुवार को चार अलग-अलग सामाजिक संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में निकला महिला एक्टिविस्टों का दहेज विरोधी कारवां जिले में पहुंचा. इसके तहत दहेज़ लेने पर संगठन द्वारा रोक लगाने की बात कही गई. उक्त कारवां सम्मलेन के आयोजन में पहुंचा था. 

इस दहेज़ विरोधी संगठन में बिहार राब्ता कमेटी, आजी फोरम, फलेम व बिहार यूथ ऑर्गेनाइजेशन शामिल थे. सम्मलेन को सम्बोधित करते हुए ल्ली की रेहाना सिद्दीकी व नसीमा खान के अलावा कोलकाता की सबूही अजीज, नीलम बानो व तसनीम अंजुम ने कहा कि, दहेज भारतीय समाज की एक ऐसी बुराई बन चुकी है, जिसके चलते परिवार बदहाल व तबाह हो रहे हैं. सामाजिक बुराई को दहेज व नशा जैसी सामाजिक बुराई को खत्म करने के लिए महिलाओं को विशेष रूप से एक जुट होना पड़ेगा. अपने खून-पसीने से कमाई गयी जमा पूंजी दहेज पर खर्च करने के बजाये बच्चों की शिक्षा पर खर्च होनी चाहिए.

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