दुर्गाष्टमी और रामनवमी एकदिन, जानें कब करें व्रत-पूजन
दुर्गाष्टमी और रामनवमी एकदिन, जानें कब करें व्रत-पूजन
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इंदौर: कभी-कभी पंचांगों की गणना सामान्य लोगों के लिए दुविधा का कारण बन जाती है. चैत्र शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को लेकर भी इस बार संशय की स्थिति बनी हुई है. चैत्र नवरात्रि की अष्टमी व्रत-पूजा व हवन की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है.इस बार पंचांगों की गणना के अनुसार इस बार अष्टमी व नवमी तिथि एक ही दिन अर्थात 25 मार्च, रविवार को रहेगी. 25 मार्च को ही रामनवमी भी मनाई जाएगी. अब श्रद्धालुओं की दुविधा यह है कि वे अष्टमी तिथि का व्रत कब करें और दुर्गा अष्टमी का हवन किस दिन करें. 

शास्त्रानुसार उदयकालीन तिथि को मान्यता प्रदान की जाती है विशेषकर जिन तिथियों में दिन की पूजा व व्रत का विधान होता है. 25 मार्च, चैत्र शुक्ल पक्ष में अष्टमी तिथि प्रात:काल रहेगी, उसके उपरांत नवमी तिथि का प्रारंभ होगा. सूर्योदयकालीन तिथि की मान्यतानुसार 25 मार्च दिन रविवार को सूर्योदय के समय अष्टमी तिथि रहेगी अत: अष्टमी तिथि का व्रत व पूजा 25 मार्च को किया जाना लाभदायक रहेगा.  26 मार्च को सूर्योदय के समय दशमी तिथि रहेगी इसलिए रामनवमी भी 25 मार्च को ही मनाई जाएगी.

अब सवाल यह है कि अष्टमी का हवन कब किया जाए इस बात के निर्णय से पूर्व तिथियों की मान्यता के विषय में एक बात स्पष्ट रूप से ध्यान रखें कि जिन तिथियों में व्रत व पूजा दिन में की जाती है उनके लिए तो सूर्योदयकालीन तिथि की मान्यता है लेकिन जो पूजा या हवन रात्रि में संपन्न किए जाते हैं उनके लिए रात्रिकालीन तिथियों को मान्यता प्रदान की गई है.

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