नई दिल्ली: हालही में एक मामला सामने आया था, बस में मां-बेटी से छेड़छाड़ और उन्हें फेंके जाने की घटना हुई की घटना घटित हुई थी। पंजाब के डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल ने ऑर्बिट कंपनी की बसों को राज्य की सड़कों से तत्काल प्रभाव से हटाने का फैसला किया है। ऑर्बिट सुखबीर की ही कंपनी है, जिसकी बस में मां-बेटी से छेड़छाड़ और उन्हें फेंके जाने की घटना हुई थी। इस घटना में बेटी की मौत हो गई थी। पंजाब के डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल ने शनिवार को कहा कि कंडक्टर और ड्राइवरों को ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके तहत, उन्हें बताया जाएगा कि वे यात्रियों से किस तरह बर्ताव करें। इसके बाद ही दोबारा से बसें चलेंगी। वहीं, इस हादसे पर शिक्षा मंत्री ने एक विवादित बयान दिया। मंत्री सुरजीत सिंह ने कहा कि, बस में जो कुछ हुआ वो भगवान की मर्जी से हुआ। जबकि एक विधायक ने इसे हादसा करार दिया। नेताओं के बयान के जबाव में पीड़ित लड़की के पिता ने मांग की है कि, सब भगवान की मर्जी से होता है तो आरोपियों को 15 मिनट के लिए उनके हवाले कर दिया जाए।
पिता बोले- बादल परिवार पर दर्ज हो केस चार दिन बाद भी लड़की का पोस्टमॉर्टम नहीं हो सका है। उसके पिता का कहना है कि जब तक पंजाब के डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ केस दर्ज नहीं होता, वह अपनी बेटी का पोस्टमॉर्टम नहीं होने देंगे। लड़की के पिता सुखदेव सिंह ने कहा कि उसका किसी से समझौता नहीं हुआ। उन्हें सरकार का 20 लाख मुआवजा भी नहीं चाहिए और न ही नौकरी। बता दें कि लड़की की मौत बुधवार देर शाम हुई थी और उसकी मौत के तीसरे दिन भी पोस्टमॉर्टम नहीं हो सका है।
मोगा केस के विरोध में पंजाब में कांग्रेस का रेल रोको आंदोलन शुरू हो गया। हजारों कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने दोपहर बार रोको आंदोलन में हिस्सा लिया। दूसरी ओर, कई क्षेत्रीय संगठनों के साथ बड़ी पार्टी के नेता भी बादल सरकार के खिलाफ मैदान में उतरे। लोग बादल परिवार पर एफआईआर और पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं। पंजाब में जगह-जगह बादल सरकार के पुतले फूंके जा रहे हैं
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