आज भी है और आगे भी रहेगा आईटी का क्रेज
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सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट
आईटी सेक्टर में सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के कार्य से सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स और प्रोग्रामर्स जुड़े होते हैं। इनका मुख्य कार्य विभिन्न सॉफ्टवेयर लैंग्वेज में सॉफ्टवेयर डेवॅलप करना होता है। देखा जाए, तो सॉफ्टवेयर दो तरह के होते हैं-अप्लीकेशन सॉफ्टवेयर और सिस्टम सॉफ्टवेयर। इन सॉफ्टवेयर की सहायता से कई तरह के प्रोग्रामिंग लैंग्वेज तैयार किए जाते हैं, जिनका इस्तेमाल कंपनियां करती हैं। सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट में जॉब की संभावनाएं हमेशा बनी रहती हैं, क्योंकि आईटी सेक्टर में हर  समय कुछ-न-कुछ नई तकनीक का ईजाद होता ही रहता है। यदि इस क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं, तो नॉलेज को हमेशा अपडेट करते रहना होगा। साथ ही प्रमुख प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज, जैसे- सी, सी++, जावा, विजुअॅल बेसिक आदि में  विशेषज्ञता हासिल कर करियर को नया आयाम दे सकते हैं। 

सिस्टम एनैलिस्ट
आज सिस्टम एनैलिस्ट की मांग भी खूब है। सिस्टम एनैलिस्ट नए कम्प्यूटर को डेवॅलप करने का प्लान बनाते हैं। यदि सिस्टम एनैलिस्ट के रूप में करियर बनाना चाहते हैं, तो आपको सभी तरह के सॉफ्टवेयर और हॉर्डवेयर की जानकारी रखनी होगी। सिस्टम एनैलिस्ट ग्राहकों की बिजनेस आवश्यकता को समझते हुए भी सिस्टम तैयार करने में दक्ष होते हैं।

डाटा बेस 
दरअसल, डाटा बेस में महत्वपूर्ण डाटा का स्टोर किया जाता है। इसे इस प्रकार से स्टोरेज किया जाता है, ताकि जरूरत पडऩे पर इन्हें आसानी से इस्तेमाल और अपटेड किया जा सके। सच तो यह है कि किसी भी कंपनी के लिए उनका डाटा काफी मायने रखता है। ऐसे में डाटाबेस प्रोफेशनल्स की मांग तेजी से बढऩे लगी है, क्योंकि आज तकरीबन हर छोटी-बड़ी कंपनी डाटा मेंटेन करने और उन्हें अपटेड रखने की कोशिश करती है।

सिस्टम एडमिनिस्टे्रटर 
सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटर के रूप में काम करने  वालों के लिए आज अवसरों की कोई कमी नहीं हैं। इनका मुख्य कार्य कनेक्टिविटी और इंटरनेट की सुविधा प्रदान करना होता है। दरअसल, आईटी सेक्टर में नेटवर्किंग काफी महत्वपूर्ण होती है। खासकर नेटवर्किंग के माध्यम से कम्प्यूटर एक दूसरे से जुड़े होते हैं। देखा जाए, तो आज हर छोटे-बड़े संस्थान में कम्प्यूटर नेटवर्किंग के लिए सिस्टम एडमिनिस्टे्रेटर की जरूरत होती है। हालांकि इस क्षेत्र में कार्य करने वालों को सिस्टम सिक्योरिटी के साथ-साथ नेटवर्किंग सिक्योरिटी का भी ध्यान रखना होता है। इसके अलावा आप इस सेक्टर में कैड स्पेशलिस्ट, सिस्टम आर्किटेक्ट, विजुअॅल डिजाइनर, एचटीएमएल प्रोग्रामर, डोमेन स्पेशलिस्ट, इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी एक्सपर्ट, इंटीग्रेशन स्पेशलिस्ट, कम्युनिकेशन इंजीनियर, सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर, सेमीकंडक्टर स्पेशलिस्ट आदि के रूप में काम कर सकते हैं।

हार्डवेयर
सॉफ्टवेयर की तरह हार्डवेयर भी आईटी सेक्टर का महत्वपूर्ण हिस्सा है। हार्डवेयर इंजीनियर के रूप में काम करने वालों पर कम्प्यूटर असेंबल करने से लेकर इसके खराब पाट्र्स की मरम्मत तक की पूरी जिम्मेदारी होती है। दरअसल, आज हर जगह कम्प्यूटर के बढ़ते इस्तेमाल के कारण ऐसे हार्डवेयर प्रोफेशनल्स की मांग काफी बढ़ गई है, जो कम्प्यूटर को चुस्त-दुरुस्त रखने में माहिर हों। हार्डवेयर के क्षेत्र से जुडऩे के बाद मैन्युफैक्चरिंग, रिसर्च ऐंड डेवॅलपमेंट आदि क्षेत्र में भी कार्य करने के भी भरपूर मौके मिलते हैं।

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