CPM वर्कर की हत्या का 'झूठा' केस, 14 साल बाद बरी हुए RSS के 13 कार्यकर्ता
CPM वर्कर की हत्या का 'झूठा' केस, 14 साल बाद बरी हुए RSS के 13 कार्यकर्ता
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कोच्ची: केरल उच्च न्यायालय ने 2008 में तिरुवनंतपुरम में एक CPM कार्यकर्ता वीवी विष्णु के क़त्ल के मामले में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) के 13 लोगों को बाइज्जत बरी कर दिया है। न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति सी जयचंद्रन की पीठ ने संघ कार्यकर्ताओं की अपील पर सुनवाई की। बता दें कि अतिरिक्त डिस्ट्रिक्ट और सेशन कोर्ट ने इस मामले में संघ कार्यकर्ताओं को दोषी करार दिया था। 

अब उच्च न्यायालय की डबल बेंच ने केरल में सियासी हत्याओं के मामलों पर नाराजगी प्रकट करते हुए यह फैसला सुनाया है। उच्च न्यायालय ने कहा कि सियासी प्रतिद्वंद्विता और हत्या के दुखद मामले राज्य के सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचा रहे हैं। अदालत ने कहा कि जिस प्रकार से अदालत के समक्ष घटना के बारे में बताया गया था, इसमें स्क्रिप्टेड कहानी को सही साबित करने के लिए गवाहों से पढ़ाने और सबूत जुटाने की बू आती है। कोर्ट ने कहा कि मामले में अभियोजन पक्ष आरोपियों के विरुद्ध परिस्थितियों को साबित करने में नाकाम रहा है। साथ ही अदालत ने यह भी कहा कि मामले में पांच माह के भीतर तीन जांच अधिकारी बदल दिए गए। साथ ही मामले में लापरवाही दिखाते हुए कई लोगों को आरोपी बताकर अरेस्ट कर लिया गया। 

बता दें कि 1 अप्रैल 2008 को CPM कार्यकर्ता वीवी विष्णु के क़त्ल के मामले में तिरुवनंतपुरम की एडिशनल सेशन कोर्ट ने  16 दिसंबर 2016 को संघ के 13 कार्यकर्ताओं को दोहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। लोअर कोर्ट ने सभी 13 आरोपियों को CPM कार्यकर्ता की हत्या का दोषी करार दिया था, जिसे अब हाई कोर्ट ने ख़ारिज करते हुए सभी कार्यकर्ताओं को बरी कर दिया है।

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