संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को कहा कि कॉल ड्रॉप को लेकर सरकार बहुत गंभीर है तथा टेलीकॉम ऑपरेटरों की सेवाओं की गुणवत्ता का विशेष ऑडिट कराया जाएगा और सरकारी भवनों पर टावर लगाए जाएंगे. इसके साथ ही ऑपरेटरों को कॉल ड्रॉप में कमी लाने के लिए प्रोत्साहित और ऐसा नहीं करने वालों को हतोत्साहित करने के लिए ट्राई से उपाय सुझाने को कहा गया है. प्रसाद ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कॉल ड्रॉप की शिकायत और टावरों से होने वाला विकरण का विरोध दोनों साथ-साथ नहीं चल सकता. टेलीकॉम क्षेत्र के लिए टावर महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर है और इसके बगैर गुणवत्ता वाली सेवाएं नहीं दी जा सकती.
उन्होंने कहा कि कॉल ड्रॉप से निजात दिलाने के लिए टेलीकॉम कंपनियों को कुछ निर्देश दिए गए हैं जिसमें उन्हें आवश्यकता अनुसार समय-समय पर रेडियो फ्रीक्वेंसी में सुधार करने के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा कि कॉल ड्रॉप की समस्या का पता लगाने के लिए सेवाओं की गुणवत्ता की विशेष ऑडिट करायी जाएगी जिससे इससे निजात दिलाने के उपाय के किए जा सकेंगे. यह ऑडिट राजधानी दिल्ली के साथ सभी महानगरों और राज्यों की राजधानियों में दूरसंचार विभाग का TERM प्रकोष्ठ करेगा. उन्होंने कहा कि महानगरों और राज्यों की घनी आबादी वाली राजधानियों में स्थित केन्द्र सरकार के कार्यालयों में इन बिल्डिंग सॉल्यूशन लगाने के लिए शहरी विकास मंत्रालय के साथ मिलकर पहल की जायेगी.
इस तंत्र का उपयोग सभी टेलीकॉम ऑपरेटर कर सकेंगे. इस तरह की व्यवस्था राज्य स्तर पर कराने के उद्देश्य से वह सभी मुख्यमंत्रियों और सरकारी कंपनियों को पत्र लिखेंगे ताकि वे अपने कार्यालयों में इस तंत्र को लगाने की दिशा में पहल कर सकें. उन्होंने कहा कि संसदीय सौंध परिसर में एक टावर लगाने का काम चल रहा है और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड को संचार भवन पर टावर लगाने के लिए कहा गया है जिसका सभी ऑपरेटर उपयोग कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि गत 27 अप्रैल को कॉल ड्रॉप पर दूरसंचार सचिव राकेश गर्ग ने ऑपरेटरों के साथ बैठक की थी और दूरसंचार नियामक ट्राई के दिशा-निर्देश के अनुरूप बेहतर सेवायें देने के लिए कहा गया था. उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया की पहल की जा रही है और ऐसे में टेलीकॉम सेवाओं की गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जा सकता है. वह टेलीकॉम मंत्री के साथ ही इसके उपभोक्ताओं के हितों के भी मंत्री है और उपभोक्ताओं के हितों से समझौता नहीं किया जाएगा.