अनावश्यक मामले न्यायालय में न ले जाने का हो प्रयास
अनावश्यक मामले न्यायालय में न ले जाने का हो प्रयास
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नई दिल्ली : न्यायपालिका में काम का दबाव अधिक होने की बात करने वाले देश के मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने अपील की है कि न्यायपालिका पर बोझ न डाला जाए। मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के थीम सांग को लांच करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में मौजूद थे। इस दौरान उन्होंने उपस्थितों को कहा कि सरकार और उसके विभागों को कुछ निर्णय लेने में बिल्कुल उदासीन, लापरवाह और लाचार बना देता है।

दरअसल मुख्यन्यायाधीश टीएस ठाकुर ने अपनी बात कानून मंत्रालय को भेजे हैं और उन्होंने मंत्रालय से इस बात को लेकर अपील की है। इस मामले में मुख्य न्यायाधीश ने सरकार से पूर्व न्यायाधीशों को शामिल करने को कहा। उनका कहना था कि इस मामले में विश्लेषण किया जाए और एक समिति का निर्माणकर सही निर्णय लिया जाए कि किस तरह से न्यायपालिका का कार्य प्रबंधित हो।

उनका कहना था कि न्यायपालिका के पास कई गैर जरूरी मामले पहुंचते हैं। ऐसे में प्रशासनिक स्तर पर भी उनका निराकरण हो सकता है लेकिन फिर भी इनके न्यायालय में आने से प्रक्रिया लंबी हो जाती है और न्यायालय का समय नष्ट होता है। इस मामले में प्रयास ऐसा होना चाहिए कि व्यक्ति न्यायालय में जाने के लिए मजबूर न हो। दरअसल विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से कमजोर तबके को निशुल्क न्यायिक सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है।

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