![बच्चों की सफलता के लिये कुछ सूत्र](https://media.newstracklive.com/uploads/jivan-mantra/suvichar/Oct/07/big_thumb/kids_56154b731a26e.jpg)
हर व्यक्ति की सबसे बड़ी अभिलाषा होती है कि उनके बच्चों को जीवन मे अच्छी सफलता मिले वे अधिक उचाइयों को हासिल करें तथा हमारा नाम रोशन करें। वे उनकी सफलता व उनके उज्वल भविष्य के लिए जाने कितने क्या उपाय करते है उन्हे प्रगतिशील व प्रतिभावान बनाने के लिये अपनी पूरी ताकत लगा देते है। ताकि उनके बच्चे जीवन में अत्याधिक विकास कर सकें। तथा देश के एक सभ्य एवं गणमान्य नागरिकों में उनकी भी गणना की जाये।
इन सब के लिए बच्चों के व्यवहार,संस्कार, आचरण सभी सूत्रों का विशेष रूप से ध्यान देते है। बच्चों की शिक्षा, उनका स्वास्थ्य, उनकी सोच उनके जीवन आदि के लिये विशेष रूप से ध्यान देते है। इन सभी चीजों को प्राप्त करने के लिये ज्योतिष तथा वास्तु का मार्ग भी जरूरी होता है जिससे व्यक्ति को सरलता से ये सब चीजों की प्राप्ति हो जाती है।
जानिए ज्योतिष की धारणा के अनुसार बच्चों का उज्जवल भविष्य –
1. बच्चे जब भी किसी भी चीज का अध्यन करें तो उनका मुख उत्तर तथा पूर्व की ओर होना चाहिए जिससे उनका बुद्धि अच्छा काम करती है तथा वे जल्द ही सफलता हासिल कर लेते है।
2. हमें अपने बच्चों को उनकी किताबें रखने की जगह, तथा किताबों को रखने के तरीके को सही ढंग देना चाहिये। बच्चों के अध्यन करने के स्थान को साफ स्वक्छ व शांति का वातावरण रखना चाहिये।
3. बच्चों की पढ़ाई वाले कमरे मे दीवार तथा उजाले के रंगो का विशेष रूप से ध्यान देना चाहिये दीवार का रंग हल्के गुलाबी, पीला होना चाहिये प्रकाश के लिये कम या अत्याधिक प्रकाश वाले यंत्र का उपयोग न करें । इतना प्रकाश रखे की बच्चों को स्पष्ट रूप से दिख सके।
4. बच्चों के कमरे में ऐसे चित्र लगायें जो बच्चों को जीवन में ज्ञान विज्ञान से बढ़ापा दे सके जिससे उनका ज्ञान और बुद्धि और भी प्रवल हो सके ऐसे चित्रों का प्रयोग करें जो आगे बढ़ने की प्रेरणा दें।
5. पूर्व दिशा की ओर सूर्य देव तथा माता सरस्वती का चित्र लगायें ।उत्तर की तरफ ब्रह्मदेव का चित्र लगाने से ज्ञान तथा शिक्षा को सरलता से ग्रहण किया जा सकता है।
6. बच्चों को पढ़ाई करते समय अपने मुख को पूर्व दिशा की ओर रखना चाहिए क्योंकि इस जगत में समस्त प्रकार के अंधकार को दूर करना और ज्ञान को बढ़ाने प्रेरणा तथा ऊर्जा सूर्य देव से ही प्राप्त होती है।
7. बच्चों को चाहिये की वे माता-पिता के चरण छू कर ही विद्यालय जायें जिससे वे प्रतिभाशाली व श्रेष्ठ बन सकते है।
8. बच्चों को स्कूल हल्का भोजन जैसे गेहूं का दलिया आदि खिलाकर भेजें। स्कूल जाते वक्त अत्याधिक भोजन न करें।
इन सभी बातों को जीवन में अपनाने से बच्चों का भविष्य उज्जवल होता है।