नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट द्वारा गुरुवार को सीबीआई निदेशक आलोक कुमार वर्मा की याचिका पर सुनवाई की गई है. आलोक वर्मा ने भ्रष्टाचार के आरोपों के मद्देनजर उन्हें सीबीआई डायरेक्टर के अधिकारों से वंचित कर छुट्टी पर भेजने के सरकार के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है. मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ ने सीबीआई मामले पर सुनवाई आगे बढ़ाते हुए 5 दिसंबर को करने के निदेश दिए हैं.
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सीबीआई मामले में सुनवाई के दौरान अदालत ने पूछा कि अगर कोई सीबीआई चीफ रंगे हाथ घूस लेते पकड़ा जाए तो क्या प्रोटोकॉल है. वहीं मीडिया में खबरें लीक होने के बाद अब आलोक वर्मा की लीगल टीम में कुछ बदलाव किए गए हैं. बताया जा रहा है कि उनके जूनियर वकील को रिप्लेस कर दिया गया है.
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इससे पहले कोर्ट ने 20 नवंबर की आखिरी सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया था कि वह किसी भी पक्षकार को नहीं सुनेगा और यह उसके उठाए गये मुद्दों तक ही सीमित रहेगा. सीवीसी के निष्कर्षों पर आलोक वर्मा का गोपनीय जवाब कथित रूप से लीक होने पर कोर्ट ने नाराजगी जताई थी. कोर्ट ने कहा था कि वह जांच एजेंसी की गरिमा बनाये रखने के लिये एजेंसी के निदेशक के जवाब को गोपनीय रखना चाहिए था.
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