फिल्म और थियेटर की दिग्गज अभिनेत्री शबाना आजमी ने अफसोस जताया कि कैसे 68वें कान्स अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में फैशन सिनेमा पर से लोगों का ध्यान हटा रहा है. उन्होंने कहा कि फिल्मोत्सवों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए, न कि फैशन परेड ग्राउंड के तौर पर. बॉलीवुड अभिनेत्री ने अपने प्रशंसकों और फॉलोअरों को फिल्मोत्सव के आयोजन के मुख्य उद्देश्य से अवगत कराने के लिए माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर अपने विचार रखे.
उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट किया, कान्स इन दिनों कपड़ों की परेड बनता नजर आ रहा है. दोस्तों, यह एक संजीदा फिल्मोत्सव है, न कि कोई फैशन कार्यक्रम. शबाना ने फ्रेंच रिवेरा से संबंधित अपनी यादों को अपने प्रशंसकों के साथ साझा किया. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "जब हम फिल्म 'निशांत' (1980 के दशक में प्रदर्शित) के साथ कान्स गए थे, हममें से प्रत्येक के पास केलव आठ अमेरिकी डॉलर थे और प्रचार सामग्री नहीं मिली थी.
तब श्याम बेनेगल ने एक रणनीति तैयार की थी. फिल्म में श्याम बेनेगल ने एक स्कूल अध्यापक और उसकी पत्नी की कहानी दिखाई थी, जो कि जमींदारी प्रणाली से शोषित थे. उन्होंने लिखा, "उन्होंने मुझे और स्मिता पाटिल को कांजीवरम साड़ी में सुबह आठ बजे निकलने के लिए कहा था. उन्होंने कहा कि जब लोग हमें जिज्ञासापूर्वक देखेंगे तो हम उनसे अपनी फिल्म देखने के लिए कहेंगे. उनकी यह रणनीति सफल रही और हमारी फिल्म को तब खूब दर्शक मिले थे.