महाराष्ट्र / अकोला : महाराष्ट्र में एक शादी के दौरान एक दिलचस्प मामला सामने आया है। दुल्हन को शादी में दहेज़ के रूप में बंगला, कार, जेवर नहीं बल्कि शौचालय उपहारस्वरूप भेंट किया गया। मामला यह है कि शुक्रवार को जिस लड़की की शादी हो रही थी, उसके ससुराल में शौचालय नहीं था और दुल्हन के माता-पिता ने उपहारस्वरूप अपनी बेटी को रेडीमेड टॉयलेट यानी पानी की व्यवस्था वाली कोठरी में बना शौचालय, एक वाश बेसिन और आईना उपहार में दिया।
कुछ सप्ताह पहले अकोला की चैताली डी. गलाखे का विवाह यवतमाल के देवेंद्र मखोडे के साथ तय हुआ था। चैताली को कहीं से यह पता चला कि उसके भावी ससुराल में शौचालय नहीं है। चैताली ने शुक्रवार शाम शादी के दौरान अनोखा उपहार पाने के बाद वहां मौजूद मिडिया कर्मियों को बताया, "शादी की बात पक्की करते समय मुझे पता नहीं था लेकिन बाद में पता चला कि मेरे ससुराल में शौचालय नहीं है। तब मैंने अपने माता-पिता और बहनों से इस बारे में बात की।" चैताली के पिता किसान हैं और उनके घर में शौचालय है।
उसने सीधे शब्दों में अपने परिवार वालों से कहा, "मुझे टीवी, फ्रिज, वाशिंग मशीन, सोने के गहने नहीं चाहिए.. मैं एक रेडीमेड टॉयलेट चाहती हूं, जिसे मैं अपने साथ ससुराल ले जा सकूं।" शुरुआत में तो चैताली के पिता दिलीप गलाखे को बेटी की मांग अजीब लगी और उन्होंने सोचा बेटी सनकी हो गई है, लेकिन फिर मान गए। घरवालों ने फैसला किया कि चैताली की खुशी के लिए उसकी बात मान ली जाए। उसके बाद चैताली के लिए एक स्थानीय मैन्युफैक्चरर कंपनी से रेडीमेड शौचालय मंगवाया गया, जिसमें 18,000 रुपये के करीब लागत आती है।
शिल्पकार ने जब रेडीमेड शौचालय की जरूरत के बारे में जानना चाहा, तो उन्हें कारण जानकर बेहद खुशी हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'स्वच्छ भारत अभियान' से जुड़े स्वयंसेवी ने इस काम की जिम्मेदारी ली। उन्होंने संवाददाताओं को बताया, "मैंने रेडीमेड शौचालय तैयार किया और सिर्फ शुद्ध लागत का खर्च जोड़कर 12,000 में लड़की के परिवार को सौंप दिया।" इस शादी समारोह में दोनों पक्ष (दूल्हा एवं दुल्हन) की ओर से मौजूद लड़कियों ने चैताली के शौचालय की मांग करने के साहस की सराहना की और इसे अन्य लड़कियों के लिए प्रेरणास्पद बताया।