माँ पार्वती के पसीने की बूँद है बेल का पेड़
माँ पार्वती के पसीने की बूँद है बेल का पेड़
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ऐसा माना जाता है कि अगर कोई व्यक्ति सच्चे मन से भगवान शिव की पूजा करता है और उन्हें बेलपत्र अर्पित करता है तो भगवान उसकी हर इच्छा पूरी करते हैं.

क्या आप बेलपत्र के बारे में अन्य और भी बातें जानना चाहते हैं तो आइये हम बताते है आपको बेलपत्र से जुडी बाते –

स्कंद पुराण के अनुसार, एक बार माता पार्वती के पसीने की बूंद मंदृंचल पर्वत पर गिर गई और उससे बेल का पेड़ निकल आया. इसलिए, माना जाता है कि माता पार्वती में इसके सभी रूप बसते हैं. पेड़ की जड़ में वह गिरिजा के स्वरूप में, इसके तनों में वह माहेश्वरी के स्वरूप में और शाखाओं में दक्षिणायनी व पत्तियों में पार्वती के रूप में रहती हैं. 

फलों में कात्यायनी स्वरूप व फूलों में गौरी स्वरूप निवास करता है. इस सभी रूपों के अलावा, मां लक्ष्मी का रूप समस्त वृक्ष में निवास करता है. इसीलिए, भगवान शिव पर इसकी पत्तियों को चढ़ाया जाता है क्योंकि माता पार्वती का रूप पत्तियों में होता है. 

कई जगह ऐसा भी वर्णन किया गया है कि अगर बेल का पेड़ आप सच्चे मन से छूते हैं तो सारे रोगों और पापों से छुटकारा मिल जाता है.

जाने क्यों करते है मुंडन संस्कार

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