भावनात्मक रूप से बुद्धिमान होना भी बहुत जरूरी है
भावनात्मक रूप से बुद्धिमान होना भी बहुत जरूरी है
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सभी की जिंदगी में भावनाएं बहुत महत्वपूर्ण होती है. कह सकते है कि भावनाओ के आधार ही व्यक्ति व्यवहार करता है, इसका असर उसके व्यक्तित्व पर पड़ता है. चाहे तो कुछ फंडे आजमा कर भावनात्मक रूप से बुद्धिमान बना जा सकता है. भावनाएं ही तो व्यक्ति की प्रवृत्ति का निर्माण करती है.

जब भावनाएं अनियंत्रित होती है तब तनाव और अवसाद शुरू हो जाता है. भावनाएं आपके व्यक्तिगत और व्‍यावहारिक कौशल को बढ़ाने का काम करती है, इसलिए खुद को भावनात्मक रूप से बुद्धिमान बनाएं. यदि अब तक आपने अपनी भावनाओं को पूरे दिन नजरअंदाज किया है, इसका अर्थ है कि अब तक जीवन के खास और महत्वपूर्ण अनुभवों से आप दूर ही है. भावनाएं कब सक्रिय होती है और कब नहीं, इसका अपना एक फायदा है और नुकसान भी. जब हम गुस्से में होते है तब आवाज ऊंची होती है. जब हम खुश होते है तब भोलेपन में कई बेवकूफी कर देते है. दूसरों के व्यवहार, स्वभाव और प्रतिक्रिया के बारे में सीखे. यदि किसी का व्यवहार अच्छा है, तब वह भावनात्मक रूप से बुद्धिमान है.

इस तरह प्रतिक्रियाओ पर भावनाओं का अधिक हावी नहीं होने देना चाहिए. भावनात्मक रूप से बुद्धिमान व्यक्ति दूसरों की भावनाओं को बहुत हद तक समझते है. इसलिए दूसरों के प्रति सहानुभूति रखना बहुत जरूरी है.

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