10 वर्षों में ED का कमाल...गिरफ्तारी से लेकर छापेमारी तक किया जबरदस्त काम
10 वर्षों में ED का कमाल...गिरफ्तारी से लेकर छापेमारी तक किया जबरदस्त काम
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पिछले10 सालों में भाजपा शासनकाल के बीच केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की सक्रियता में जबरदस्त उछाल देखने के लिए मिला। आंकड़ों पर नजर डालें तो बीते 10 सालों में धन शोधन रोधी कानून (पीएमएलए) के तहत ईडी की छापेमारी 86 गुना बढ़ चुकी है। ED ने इस बीच 25 गुना ज्यादा संपत्ति जब्त की है। ये आंकड़े 2014 से पहले की UPA गवर्नमेंट सरकार की तुलना में हैं। 

बीते 10 वर्षों में ईडी की सक्रियता में आया गजब उछाल: एक रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल 2014 से मार्च 2024 के मध्य के आंकड़ों की जुलाई 2005 से लेकर मार्च 2014 तक के आंकड़ों से तुलना करने पर पता चलता है कि ED की सक्रियता में पिछले 10 वर्षों में बहुत तेजी देखने के लिए मिली है। पीएमएलए कानून को साल 2002 में बनाया गया था और 1 जुलाई 2005 को इसे लागू भी कर दिया गया था। यह कानून टैक्स की चोरी रोकने, काले धन और धन शोधन पर रोकथाम के लिए बनाया गया था। विपक्षी पार्टियों का इल्जाम है कि सरकार, विरोधियों के विरुद्ध ED का इस्तेमाल कर रही है। हालांकि सेंट्रल गवर्नमेंट का दावा है कि सत्ताधारी दल का एजेंसी पर कोई दबाव नहीं है और यह स्वतंत्र रूप से भ्रष्टाचार के विरुद्ध कार्य करती है। 

आंकड़े कह रहे कहानी: आंकड़ों के मुताबिक, ईडी ने बीते 10 वर्षों में पीएमएलए कानून के अंतर्गत 5,155 केस भी दर्ज किए है, जो कि यूपीए सरकार में किए गए 1,797 मामलों की तुलना में तीन गुना अधिक है। ED की जांच में अभी तक पीएमएलए कानून के तहत 63 लोगों के विरुद्ध दोषसिद्धि हुई है। ED द्वारा पहली बार 2014 में ही एक केस में दोषसिद्धि हुई थी। भाजपा सरकार में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में 7,264 छापेमारी की, जबकि 2014 से पहले ED ने सिर्फ 84 छापेमारी की थी। इस तरह भाजपा सरकार में ईडी ने 86 गुना अधिक छापेमारी की हैं। 

ED ने बीते दशक में 755 लोगों को हिरासत में ले लिया है और 1,21,618 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली गई है, जबकि बीती सरकार में ED ने 29 लोगों को गिरफ्तार किया और सिर्फ 5,086 करोड़ रुपये की संपत्ति ही जब्त कर ली थी। इस तरह ED की गिरफ्तारी 26 गुना अधिक और संपत्ति जब्ती 24 गुना अधिक हुई है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने बीते 10 वर्षों में 1,971 कुर्की के आदेश जारी किए हैं, जबकि पहले ऐसी 311 कार्रवाई की गई थी। ईडी ने 12 गुना ज्यादा चार्जशीट दाखिल की हैं। ED ने 36 केसों में 63 लोगों के विरुद्ध दोष सिद्ध किया है और 73 चार्जशीट का निपटारा किया है। 2005 से 2014 के दौरान ED ने किसी मामले में कोई दोषसिद्धि नहीं की थी। 

ईडी ने बीते 10 वर्षों में पीएमएलए कानून के अंतर्गत 2,310 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की है, जबकि पहले सिर्फ 43 लाख रुपये नकद जमा किए गए थे। ED ने चार आरोपियों के भारत प्रत्यर्पित कराने में सफलता प्राप्त कर ली और विजय माल्या, नीरव मोदी, संजय भंडारी के खिलाफ ऐसी ही कार्रवाई चल रही है। ED ने इंटरपोल के 24 रेड नोटिस जारी कराए हैं, जबकि पहले कोई नोटिस जारी नहीं कराए गए थे। 

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