गाजर मे प्रचुर मात्रा में विटामिन ए होता है. यह विटामिन बीटा केरोटीन के रूप में मौजूद रहता है. लिवर में बीटा केरोटीन विटामिन ए में बदल जाता है. गाजर के रस में केंसर विरोधी तत्व पाये जाते हैं. अनुसंधान में पाया गया है कि गाजर में केंसर को ठीक करने के गुण विद्ध्यमान हैं.
यह फ़ेफ़डे, स्तन और बडी आंत के केंसर से बचाव करता है. चर्म विकृतियों में भी गाजर का उपयोग लाभप्रद रहता है. चेहरे पर कांति के लिये गाजर का उपयोग किया जाना चाहिये. गाजर हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाता है. इसे टोनिक के रूप में व्यवहार करना चाहिये. यह नेत्रों के लिये बेहद फ़ायदेमंद है. बुढापे में आने वाले मोतियाबिंद की रोकथाम करता है.
गाजर हमारे शरीर के सेल्स को तंदुरस्त रखते हुए बुढापा आने की गति को धीमा करता है. शरीर की खरोंच,घाव ठीक करने के लिये गाजर को कूटकर लगाना चाहिये. गाजर को मेश करके उसमे थोडा सा शहद मिलाकर फ़ेस पेक की तरह इस्तेमाल करने से चेहरे की खूबसूरती में इजाफ़ा होता है.