style="text-align: justify;">नई दिल्ली : बेमौसम बारिश की मार झेल रहे मजबूर किसान देशभर में खुदकुशी कर रहे हैं, लेकिन राष्ट्रीय राजधानी में एक जनसभा के दौरान एक पीड़ित किसान की खुदकुशी से देश गमगीन हो गया है।
आम आदमी पार्टी (आप) की एक जनसभा के दौरान राजस्थान के एक किसान गजेंद्र सिंह द्वारा बेमौसम बारिश के कारण फसलों की बर्बादी से परेशान होकर फांसी लगाकर खुदकुशी करने के बाद राजनीतिक गलियारों में आरोपों-प्रत्यारोपों का दौर शुरू हो गया।
घटना से पहले आप के मंच पर पार्टी नेता भगवंत मान ने अपना भाषण बस खत्म किया था और पार्टी के एक अन्य नेता कुमार विश्वास ने भूमि अध्यादेश पर नरेंद्र मोदी सरकार को आड़ेहाथ लेना शुरू ही किया था कि उन्होंने एक व्यक्ति को नीम के पेड़ से लटकता देखा।
कुछ पलों के लिए अपना भाषण रोककर कुमार विश्वास ने पुलिस को पेड़ से उस व्यक्ति को नीचे उतारने को कहा।
देश के उस मजबूर किसान के लिए वह मनहूस जगह दिल्ली का जंतर मंतर था, जहां आप ने सरकार के भूमि अध्यादेश के खिलाफ एक जनसभा बुलाई थी।
मीडिया स्टेज से इस संवाददाता ने देखा। घनी दाढ़ी मूंछ वाला वह व्यक्ति रंगीन पगड़े पहने बेहद खतरनाक ढंग से पेड़ की डाल पर बैठा सा लगा।
दूरी अधिक होने के कारण ऐसा लग रहा था कि वह पेड़ की दो शाखाओं से हाथों के सहारे लटका हुआ है।
जब पुलिस ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, तब आप नेता ने आप के स्वयंसेवकों को उसे बचाने के लिए कहा।
केजरीवाल को सुनने के लिए हजारों की तादाद में मौजूद स्वयंसेवकों में से तीन स्वयंसेवक पेड़ पर चढ़े। इस दौरान पत्रकार भी पेड़ की ओर बढ़ने लगे।
पलक झपकते ही लोगों का ध्यान आप के मंच से पेड़ की तरफ चला गया। उसे बचाने के लिए स्वयंसेवकों ने स्कार्फ की गांठें खोली।
ऐसा होते ही गजेंद्र सिंह का मूच्र्छित शरीर काफी ऊंचाई से धम्म की आवाज के साथ जमीन पर गिर पड़ा, क्योंकि स्वयंसेवक उसे ऊपर संभाल नहीं पाए। इसके बाद आक्रोशित आप के सदस्यों ने पुलिस के खिलाफ नारे लगाने शुरू कर दिए।
"उसकी सांस रुक चुकी थी और जीभ आंशिक तौर पर बाहर निकल आई थी।"
तीन में से एक स्वयंसेवक पेड़ पर ही बेहोश हो गया, शायद उसे आभास हो चला था कि वह व्यक्ति अब जीवित नहीं है।
अन्य लोग पेड़ पर चढ़े और उसे नीचे उतारने के बाद उसके चेहरे पर पानी के छींटे मारे।
इसी बीच, आप के कुछ सदस्य मंच तक पहुंचे और कुमार विश्वास व केजरीवाल को इस दुखद मंजर की जानकारी दी।
घटनास्थल पर पुलिस के पहुंचने से पहले पत्रकारों में उसकी तस्वीर लेने की होड़ मच गई।
लोगों को संशय था, कि क्या वह जिंदा है?
इस पूरी त्रासदी के बीच कुमार विश्वास का भाषण जारी रहा।
आप के कार्यकर्ता गजेंद्र सिंह को दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले गए।
लेकिन चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
जनसभा के अंत में केजरीवाल ने इस घटना पर दुख जताया और ऐसा जताया कि उन्हें नहीं पता कि व्यक्ति की मौत हो गई है।
अंत में उन्होंने घोषणा की कि मनीष सिसोदिया के साथ वह अस्पताल जाएंगे।
तबतक, घटना ने राजनीतिक रुख अख्तियार कर लिया था। यह विडंबना ही है कि किसानों के मुद्दे को लेकर बुलाई गई जनसभा एक और किसान की मौत का गवाह बनी।