नई दिल्ली - गुरुवार के कारोबारी सत्र में डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपए ने 67 का स्तर छू लिया. सुबह करीब 10 बजे भारतीय रुपया 67.02 पैसे के स्तर पर कारोबार कर रहा था. हालांकि इसके कुछ मिनटों बाद रुपया संभला और 66.93 पैसे के स्तर तक का गया.
एक खबर के अनुसार एक टीवी चैनल की ओर से चलाई गई यह खबर कि सरकार जानबूझकर रुपए को कमजोर करना चाहती है, जिससे निर्यात को बढ़ावा मिल सके इस गिरावट का कारण रही. इस खबर के बाद रुपए में एकाएक गिरावट देखने को मिली. इस गिरावट में रुपए ने 31 अगस्त के बाद पहली बार 67 का स्तर छुआ. हालांकि वित्त मंत्रालय की ओर से आए बयान कि सरकार ऐसा कुछ नहीं कर रही के बाद रुपए में सुधार दिखा.
दूसरा कारण एक अन्य विदेशी खबर का प्रकाशित होना भी है.खबर के अनुसार सितंबर 2013 में डॉलर के मुकाबले रुपया अपने निचले स्तर पर चला गया था. उस समय रुपए को सहारा देने के लिए भारी मात्रा में एफसीएनआर स्पेशल स्वैप विंडो के माध्यम से 2600 करोड़ डॉलर भारत में लाए गए. अब इन डॉलर को भुनाने का समय आ गया है. ऐसे में भारी मात्रा में डॉलर भारत से बाहर जाना भी कमजोरी का एक कारण हो सकता है.कमजोर होते रुपए का सीधा मतलब यह होता है कि अब किसी भी व्यक्ति को डॉलर खरीदने के लिए ज्यादा रुपए चुकाने होंगे.