ये 5 ऐसी वजह जो बनाती है एक महिला को 'वैश्या'
ये 5 ऐसी वजह जो बनाती है एक महिला को 'वैश्या'
Share:

वैसे तो हम आपको वैश्यावृति के इतिहास के बारे में पहले जानकारी दे चुके है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि कौन से लोग करते है ये काम, कहां से आते है ये, कौन इन्हें लेकर आता है, और आखिर किस मज़बूरी के कारण ये लोग इस तरह के काम करने पर मजबूर होते है. तो आइये हम आपको इस विषय में विस्तार से जानकारी देते है. आपको बता दे कि जाँच एजेंसी केंद्रीय ब्यूरो द्वारा साल 2009 में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार देश में लगभग 10 करोड़ महिलाये वैश्यावृति के इस घिनोनी दलदल में फंस चुकी है. जिसमे 40 प्रतिशत बच्चिया शामिल है.

वही रिपोर्ट कि माने तो इस घिनोने धंधे में लिप्त 90 प्रतिशत लड़कियों को देश के अंदर ही एक कोने से दूसरे कोने में बेच दिया जाता है. वही एक रिपोर्ट में तो यह बताया गया कि वैश्यावृति के इस धंधे में आपको बता दे कि वैश्यावृति के इस धंधे में 5.1 फीसदी महिलाएं अपने माता-पिता के कहने पर ही आयी है वही 13 प्रतिशत महिलाये अपने दोस्तों के चक्कर में इस घिनोने धंधे में लिप्त हो गई है. वही 23 % महिलाये किसी दलाल की चिकनी चुपड़ी बातो का शिकार होकर इस धंधे में लिप्त हुई है.

वही 13 प्रतिशत महिलाये अपने किसी करीबी रिश्तेदार के बहलावे में आकर इस वैश्यावृति की दलदल में फंसी है. वही चौकाने वाली बात तो यह है कि 2.5 प्रतिशत महिलाये अपने पति कि सहमति के साथ इस कार्य को कर रही है. वही 10 प्रतिशत महिलाये अपने प्यार में मिले धोखे के कारण इस धंधे में फंस कर रह गई है. तो आप भी जगाये होंगे कि किस तरह ये महिलाये इस घिनोनी दलदल में फंस जाती है. ये आंकड़े हमने विभिन्न जारी रिपोर्ट से मिलाकर उपयोग किये है. वही आगे भी हम इस टॉपिक से जुडी अन्य जानकारी लेकर हाजिर होंगे. जब तक आप इससे जुड़े कुछ और आर्टिकल पड़ने के लिए निचले लिंक पर क्लिक करे.

गन्दा है वैश्यावृति का धंदा, लेकिन इसका भारतीय इतिहास भी है काफी पुराना

आखिर कैसे रहती है वैश्याएँ, देखिए यहाँ तस्वीरें...

सनी कर रही थी बॉयफ्रेंड के साथ गन्दा काम, पिता ने रंगेहाथ पकड़ा

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -