100 साल बाद दूल्हा चढ़ा घोड़ी, पुलिस ने दी सिक्युरिटी
100 साल बाद दूल्हा चढ़ा घोड़ी, पुलिस ने दी सिक्युरिटी
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पाथरेड़ी : जयपुर के करीब कोटपूतली के गांव पाथरेड़ी में गुरुवार को पहली बार घोड़ी पर किसी दलित दूल्हे की बारात निकली, बारात को पुलिस की निगरानी में निकाली गयी।यहा पिछले 100 सालों में ऐसा पहली बार हुआ जेबी कोई दलित दूल्हा घोड़ी पर सवार हो। इस बारात में बरातियों से ज्यादा खाकी वर्दी वाले थे। कुछ पुलिस वाले सादी वर्दी में भी बरात मे शामिल थे। हर गली-नुक्कड़ पर पुलिस का पहरा था। गांव में सुबह से ही भारी गहमागहमी रही। पूरा गांव पुलिस छावनी बना हुआ था। पुलिस-प्रशासन के साथ विधायक, प्रधान, सरपंच और अन्य जनप्रतिनिधि यह समझाने में लगे रहे कि घोड़ी पर दूल्हे की निकासी होने दी जाए।

सभी की सहमति के बाद दलित दूल्हे को घोड़ी पर बैठाने का फैसला लिया गया। दूल्हे के बड़े भाई ने दूल्हे अनिल की निकासी घोड़ी पर निकाले जाने के संबंध में पहले गांव में बात की, फिर प्रशासन को सुरक्षा के लिए ज्ञापन दिया। इसमें बताया कि 1993 में भी यहां दलित की बिंदोरी निकालने पर दलित परिवारों को पीटा गया था। प्रशासन ने चार दिन की तैयारी के बाद शांतिपूर्ण तरीके से निकासी निकलवाई।

पुलिस और प्रशासन ने निकासी के लिए पहले ही रास्ते तय कर दिए गए थे। इस शादी के लिए 30 किलोमीटर दूर बंदेड़ी गांव से घोड़ी मंगाई गई थी । वैसे गांव में दलित परिवारों के पास चार घोडिय़ां हैं, लेकिन दबंगों के दर के कारण कोई उन्हें घोड़ी देने को तैयार नहीं हुआ। आयोजन में उपद्रव की संभावना के चलते निकासी से पहले 50 लोग गांव से बाहर चले गए। इनमें से 35 वो थे, जिन्हें प्रशासन ने पाबंद किया था।

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