आज इस आरती से करें देवी माँ की पूजा

आषाढ़ महीने की गुप्त नवरात्रि 19 जून से आरम्भ हो गई है. वही गुप्त नवरात्रि के दौरान 10 महाविद्याओं की पूजा करने का विधान है। वही आज गुप्त नवरात्रि का पांचवा दिन हैं, जो मां स्कंदमाता को समर्पित हैं इस दिन भक्त देवी मां स्कंदमाता की विधिवत पूजा करते हैं तथा व्रत आदि भी रखते हैं। ऐसे में आइये आपको बताते है माँ स्कंदमाता की पूजा विधि...

स्कंदमाता पूजा विधि:- प्रातः जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण करें। मां की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं।  स्नान कराने के बाद पुष्प अर्पित करें। मां को रोली कुमकुम भी लगाएं।  मां को मिष्ठान और पांच प्रकार के फलों का भोग लगाएं। मां स्कंदमाता का अधिक से अधिक ध्यान करें। मां की आरती अवश्य करें।

स्कंदमाता की आरती:- जय तेरी हो स्कंद माता, पांचवा नाम तुम्हारा आता. सब के मन की जानन हारी, जग जननी सब की महतारी. तेरी ज्योत जलाता रहूं मैं, हरदम तुम्हे ध्याता रहूं मैं. कई नामो से तुझे पुकारा, मुझे एक है तेरा सहारा. कहीं पहाड़ों पर है डेरा, कई शहरों में तेरा बसेरा. हर मंदिर में तेरे नजारे गुण गाये, तेरे भगत प्यारे भगति. अपनी मुझे दिला दो शक्ति, मेरी बिगड़ी बना दो. इन्दर आदी देवता मिल सारे, करे पुकार तुम्हारे द्वारे. दुष्ट दत्य जब चढ़ कर आये, तुम ही खंडा हाथ उठाये दासो को सदा बचाने आई, चमन की आस पुजाने आई।

कुमुद के पुष्प का अर्पण:- मां स्कंदमाता को कुमुद पुष्प देवी को अति प्रिय है। वैसे तो देवी पूजन में प्रयुक्त होने वाले सभी तरह के पुष्पों का अपना महत्व है। देवी को सभी तरह  के पुष्प अर्पित किए जाते हैं, किन्तु अगर शास्त्रसम्मत बात करें तो स्कंदमाता के पूजन में कुमुद के पुष्प से पूजन अर्चन और मंत्र अर्चन करना उत्तम होता है।

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