नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में तीन आरोपियों को दी गई 20 साल की सजा

उज्जैन:  POCSSO अदालत ने शुक्रवार को एक दुष्कर्म मामले में तीन लोगों को 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। विशेष न्यायाधीश डॉ. आरती शुक्ला पांडे ने अपने फैसले में POCSO एक्ट के तहत नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के तीन आरोपियों को बीस साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। उज्जैन शहर के 23 साल के आरोपी देवेंद्र सिंह, देवास के लोकेंद्र सिंह (27) और उज्जैन के प्रतीक को POCSO एक्ट के तहत सजा सुनाई गई। उनके खिलाफ POCSO एक्ट की धारा 6 और 366, 363,506,323 और IPC की धारा 342 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।

उप निदेशक (अभियोजन) डॉ. साकेत व्यास ने कहा कि लड़की ने आरोप लगाया कि उसका प्रेमी देवेंद्र, जो उसका सहपाठी था, उसे 29 अगस्त, 2017 को उसके जन्म दिन पर एक होटल में ले गया। उसके इरादे से अनजान होने के कारण उसने उसके प्रस्ताव का विरोध नहीं किया। 

होटल में, देवेंद्र ने उसे नशीला पेय दिया। फिर देवेंद्र उसे नीलगंगा इलाके में स्थित एक अलग इमारत में ले गया, जहां उसने एक कमरे में उसके साथ बलात्कार किया। उसके साथी भी घटना के दौरान देवेंद्र की मदद कर रहे थे। आरोपी ने देर रात उसे घर पर गिरा दिया। लड़की ने उसे अपने माता-पिता को सुनाया। बाद में उसने आरोपियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। सरकार की ओर से मामला विशेष सरकारी वकील सूरज बछेरिया द्वारा दायर किया गया था।

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