मायानगरी मुंबई में जो भी अभिनेता बनने का ख्वाब लेकर आता है वो अक्सर फिल्मी दुनिया में ही कदम रखना चाहता है। इसके साथ ही बॉलीवुड की चाहत लिए अभिनेता टेलीविजन को बॉलीवुड में घुसने का जरिया मान लेते हैं। इसके साथ ही फिल्मों के चक्कर में टेलीविजन से भी किनारा कर बैठते हैं। परन्तु इस चक्कर में ये ना इधर के रहते हैं और ना ही उधर के। इस पैकेज में ऐसे ही अभिनेताओं के बारे में बताएंगे जो फिल्मों के लालच में टेलीविजन की स्टारडम से भी दूर हो गए| राजीव खंडेलवाल इस लिस्ट में सबसे पहले नाम आता है अभिनेता राजीव खंडेलवाल का। जी हाँ राजीव खंडेलवाल ने एकता कपूर के टेलीविजन सीरियल 'कहीं तो होगा' से घर घर में सूजल के नाम से पहचान बना ली थी। परन्तु सफल टीवी एक्टर का तमगा छोड़ राजीव फिल्मों की ओर चले गए। फिल्मों से उन्हें खासी पहचान नहीं मिल पाई और उसके बाद टेलीविजन पर भी राजीव का स्टारडम खत्म हो गया। अमन वर्मा अमन यतन वर्मा एक समय में टेलीविजन इंडस्ट्री का जाना- माना नाम रहे हैं। असल में क्योंकि सास भी कभी बहू थी जैसे टेलीविजन सीरियल्स ने उन्हें खूब लोकप्रियता दिलाई। लेकिन अपने करियर के पीक प्वाइंट पर अमन ने फिल्मों की ओर रुख कर लिया था । वहीं फिल्मों से उन्हें कोई फायदा नहीं पहुंचा वो एक साइड किरदार बनकर रह गए। अमन ने अमिताभ बच्चन के साथ बागबान फिल्म में भी काम किया था। परन्तु इससे भी उनके करियर को कोई सहारा नहीं मिला। अमर उपाध्याय अमर उपाध्याय टीवी के मिहीर के नाम से जाने जाते थे। इसके साथ ही अमर ने एकता कपूर के शो क्योंकि सास भी कभी बहू थी से खासी लोकप्रियता पाई थी। परन्तु उन्हें भी फिल्मों का लालच ले डूबा। गुरमीत चौधरी गुरमीत चौधरी टेलीविजन पर साल 2008 में आई रामायण के बाद से चर्चित नाम हो गए थे। इसके साथ ही गुरमीत ने इसके बाद भी कई टेलीविजन धारावाहिक में काम किया। परन्तु बॉलीवुड के मोह ने गुरमीत को टेलीविजन से दूर कर दिया। फिलहाल उनकी फिल्में भी कुछ खासा कमाल नहीं दिखा पाईं। हिंदुस्तानी भाऊ ने एकता कपूर से की 'पद्मश्री' वापस लौटाने की मांग सिद्धार्थ शुक्ला के होठों पर शहनाज़ ने किया कमेंट मंदिरों के दरवाजे खुलने के बाद अरुण गोविल ने की अपील