अफगानिस्तान के लिए रूस के विशेष प्रतिनिधि जमीर काबुलोव ने कथित तौर पर कहा कि तालिबान का नाटो और अमेरिकी सैनिकों से ज्यादा मजबूत मनोबल था और वे आजादी के लिए और कब्जे के खिलाफ लड़ रहे थे, इसलिए वे जीतने के हकदार थे । खबरों के मुताबिक, जमीर काबुलोव ने मॉस्को में न्यूज-वीक को बताया कि रूस चाहता है कि अफगानिस्तान अपने और अपने पड़ोसियों के बीच शांति के साथ एक सामान्य राज्य हो, लेकिन अफगानिस्तान से आने वाले आतंकवाद और ड्रग्स को लेकर चिंताएं बढ़ा दी। रिपोर्ट के मुताबिक, जमीर काबुलोव ने कहा कि वे तालिबान की कार्रवाइयों पर बारीकी से नजर रख रहे हैं और उनके प्रशासन का सम्मान करते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि रूस उन्हें स्वीकार करता है। "मैं नब्बे के दशक में काबुल का दौरा किया जब तालिबान पहली बार सत्ता में आया था, और अब है कि मैं टीवी चैनलों के माध्यम से काबुल देखता हूँ।" रिपोर्ट के मुताबिक, विशेष प्रतिनिधि ने आईएसआईएस के खिलाफ अफगानिस्तान में तालिबान के काम की भी तारीफ करते हुए कहा कि वे अंतरराष्ट्रीय खतरे से जूझ रहे हैं और तालिबान पूर्व अफगान सरकार से बेहतर काम कर रहे हैं, जिसे अमेरिका ने वित्त पोषित किया था। पाकिस्तान में ख़त्म होगा 'क्रिकेट' का सूखा, ICC ने किया बड़ा ऐलान, गदगद हुए रमीज़ राजा यूपी चुनाव: भाजपा के लोगों को अखिलेश ने बताया 'चिलमजीवी' .., बोले- जनता इन्हे पैदल कर देगी हरियाणा के 4 शहरों में इस मामले में पड़ी रेड, हिसार में एक युवक को नोटिस