तालिबान और अफगान के बीच घमासान, खतरे में पड़ा शांति समझौता

काबुल:  यह बात तो हम सभी जानते है की आज कई सालों पहले अफगान और तालिबान दोनों के मध्य समझौता हुआ था. लेकिन अफगानिस्तान में तालिबान ने अफगानी सेना के अड्डों पर दर्जनों हमले करके तीन दिन पुरानी युद्ध विराम संधि को ही खत्म करने की कगार पर पहुंचा दिया है. अमेरिकी मध्यस्थता से अफगानिस्तान सरकार और तालिबान के बीच यह संधि कराई गई थी. इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्होंने तालिबान के नेता मुल्ला अब्दुल गनी बरादर से फोन पर बात की. उनकी बातचीत अच्छी रही. तालिबान के प्रवक्ता ने भी बातचीत की पुष्टि की.

तालिबान ने अफगानिस्तान के 16 प्रांतों पर किए 33 हमले, 21 लोग मारे गए, 29 घायल: जंहा है होड़ मची हुई है कि अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नसरत राहिमी ने बताया कि पिछले 24 घंटों में तालिबान ने अफगानिस्तान के 34 प्रांतों में से 16 पर 33 हमले किए हैं. उन्होंने ट्वीट करके बताया कि इन हमलों में छह नागरिक मारे गए हैं और 14 घायल हुए हैं. जंहा यह भी कहा जा रहा है कि जबकि दुश्मन सेना के आठ लोग मारे गए हैं और 15 लोग घायल हुए हैं. सरकार ने एक बयान जारी करके बताया कि दक्षिणी कांधार में हुए हमलों में दो सैनिक मारे गए हैं. लोगार प्रांत के गर्वनर के प्रवक्ता दीदार लवांग ने बताया कि काबुल के पास हुए हमले में सुरक्षा बलों के पांच जवान मारे गए हैं.

सवाल उठने लगा कि अमेरिका और तालिबान समझौता आगे जारी रह पाएगा या नहीं: मिली जानकारी के अनुसार बीते शनिवार यानी 29 फरवरी 2020 को दोहा में अमेरिका और तालिबान के बीच हुए समझौते की शुरुआत आगामी 10 मार्च से होनी है, लेकिन कैदियों की अदला-बदली को लेकर हुए विवाद से अब यह सवाल उठने लगा है कि यह समझोता अब कितने दिनों तक चलने वाला है. वहीं, अफगान सरकार के एक कर्मचारी नकीबुल्लाह का कहना है कि तालिबान पूरे अफगानिस्तान को बंधक नहीं बना सकता है.

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