'अनुमति भी मांग रहे हो और आंदोलन भी कर रहे हो..', किसानों को सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार

नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय में किसान महापंचायत द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई शुरू कर दी है. दरअसल, किसान महापंचायत ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर करते हुए मांग की थी की उन्हें यानी कृषि कानून का विरोध कर रहे किसानों को दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने की अनुमति प्रदान की जाए. इसके साथ ही साथ किसान महापंचायत ने राजस्थान उच्च न्यायालय में कृषि कानूनों को चुनौती भी दी है. 

अब इस पर आज शीर्ष अदालत ने आपत्ति जाहिर करते हुए कहा की इस संगठन ने एक ओर हाई कोर्ट में प्रदर्शन करने की अनुमति के लिए याचिका दाखिल की है और दूसरी ओर ये लोग आंदोलन भी कर रहे है. ऐसा कैसे हो सकता है. शीर्ष अदालत अब इस बात पर सुनवाई करेगा और फैसला सुनाएगी, की क्या अदालती कार्रवाई के साथ ही कोई संगठन या शख्स आंदोलन भी कर सकता है. सर्वोच्च न्यायालय ने किसान महापंचायत की राजस्थान उच्च न्यायालय में दाखिल याचिका को आज सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया. अदालत के सामने ये बात आई है की जब कोई मामला कोर्ट में विचाराधीन है, तो फिर उस पर कोई आंदोलन कैसे कर सकता है.

इस मामले पर टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा की लोगों को कोई एक चीज चुनना होगा. या तो कोर्ट से राहत मांगे या फिर आंदोलन करें. वहीं अदालत ने इस मामले की सुनवाई के लिए 21 अक्टूबर की तारीख मुक़र्रर की है. शीर्ष अदालत ने लखिमपुर खेरी विवाद पर अहम टिप्पणी करते हुए कहा की जब किसी की मौत हो जाती है या प्रॉपर्टी डैमेज हो जाता है, तो कोई भी जिम्मेदारी लेने के लिए आगे नहीं आता. सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानून पर कहा कि जब ये मामला अदालत में विचाराधीन है और सरकार खुद कह रही है की कानून लागू नही करेंगे तो ये आंदोलन करने की क्या आवश्यकता है. लोगों को एक चीज चुननी होगी. या तो आंदोलन करें या कोर्ट से राहत मांगें.

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