अब परेशान नहीं करेगी 'तारीख पर तारीख', जल्द होगा इन्साफ..., सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा आदेश

नई दिल्ली: न्याय पाने के लिए लगातार अदालतों के चक्कर काटने वाले पीड़ितों के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के बार-बार मामलों के स्थगन पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने जजों को वकीलों के किसी भी सुनवाई टालने के आग्रह को स्वीकार करने से मना कर दिया है. 

मध्य प्रदेश के मामले में चार वर्षों की देरी और 10 बार सुनवाई स्थगित करने पर न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की पीठ ने नाराजगी व्यक्त की. अदालत ने कहा कि अब समय है, वर्क कल्चर को बदलने का. अदालत ने कहा कि बार-बार के स्थगन से कानूनी प्रक्रिया धीमी होती है. ऐसे में न्याय वितरण प्रणाली में विश्वास बहाल करने का प्रयास किया जाना चाहिए, जिससे लोगों का कानून के शासन में भरोसा बना रहे.

जस्टिस शाह ने इस संबंध में फैसला देते हुए कहा कि कई बार बेईमान वादियों की बार-बार सुनवाई टलवाने की रणनीति से दूसरे पक्ष को इंसाफ देने में देरी होती है. बार-बार स्थगन से वादियों का भरोसा डगमगाने लगता है. न्याय प्रशासन में लोगों के विश्वास को मजबूत करने के उद्देश्य के लिए न्यायालयों को बार-बार कर्तव्यों का पालन करने के लिए कहा जाता है. शीर्ष अदालत ने कहा कि कोई भी प्रयास जो न्याय व्यवस्था में आम जनता के विश्वास को कमजोर करता है, उसे रोका जाना चाहिए.

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