श्रीलंका की भीड़ अगर 'शरणार्थी' बनकर भारत में घुस आई तो ..?

नई दिल्ली: भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने श्रीलंका में जारी आर्थिक संकट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को लेकर मोदी सरकार को आगाह किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए मोदी सरकार से कहा है कि लंका की भीड़ कहीं भारत में रिफ्यूजी न बन जाए। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि श्रीलंका के निर्वाचित नेताओं के घरों की निजता पर आक्रमण और भीड़ की ट्विटर पर अभद्र भाषा को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि श्रीलंका में मौजूदा संकट इंजीनियर्ड है। केंद्र सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि बाद में यह भीड़ भारत में शरणार्थियों न बन जाए।

 

भाजपा सांसद ने श्रीलंकाई प्रदर्शनकारियों पर भी हमला बोला है। स्वामी ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि यह देखकर खुशी होती है कि Twitter पर भारतीय कुल मिलाकर सभ्य भाषा का प्रयोग करते हैं। मगर, ट्विटर पर श्रीलंकाई भीड़ अश्लील और असभ्य हैं। सभी सभ्य श्रीलंकाई लोगों को इस भीड़ का विरोध करना चाहिए और उन्हें उनकी जगह दिखानी चाहिए। वहीं स्वामी ने श्रीलंका को सैन्य मदद देने की सलाह भी दी है। उन्होंने रविवार को अपने ट्वीट में लिखा कि गोटाबाया और महिंदा राजपक्षे दोनों ही प्रचंड बहुमत के साथ एक स्वतंत्र चुनाव में निर्वाचित हुए थे। भारत, भीड़ को ऐसे वैध चुनाव को पलटने की इजाजत कैसे दे सकता है? तब हमारे पड़ोस का कोई भी लोकतांत्रिक देश सुरक्षित नहीं रहेगा। यदि राजपक्षे भारत से सैन्य सहायता चाहते हैं तो हमें देनी चाहिए।

 

हाई अलर्ट पर भारतीय नौसेना :-

वहीं, शरणार्थियों की समस्या को देखते हुए, रामेश्वरम के पास मंडपम बेस से भारतीय तटरक्षक बल, होवरक्राफ्ट संचालित कर रहे हैं। भारतीय तटरक्षक बल श्रीलंका के साथ लगे हुए समुद्री सरहद पर हाई अलर्ट पर हैं, ताकि वहां चल रहे सियासी और आर्थिक संकट के चलते वहां से आने वाले अवैध प्रवासियों को रोका जा सके। वहां जारी आर्थिक संकट के कारण अवैध प्रवासियों के आने की आशंका जाहिर की जा रही है। वहीं, श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे 13 जुलाई को ही अपने पद से त्यागपत्र देंगे और उन्होंने इसके सबंध में श्रीलंका के पीएम रानिल विक्रमसिंघे को सूचित कर दिया है। पीएम ऑफिस की तरफ से बताया गया है कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने आधिकारिक तौर पर पीएम रानिल विक्रमसिंघे को सूचित किया है कि वह पहले की गई घोषणा के मुताबिक इस्तीफा दे देंगे।

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