दिल्लीः कांग्रेस में अध्यक्ष पद को लेकर घमासान

नई दिल्लीः पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस की दिवंगत वरिष्ठ नेत्री शीला दीक्षित के निधन के बाद दिल्ली कांग्रेस में अध्यक्ष पद के लिए घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस आलाकमान ने दिल्ली में अपना खोया जनाधार वापस पाने के लिए अध्यक्ष के साथ तीन कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किए थे। लेकिन आपसी तालमेल में कमी के कारण यह प्रयोग सफल नहीं हो पाया। अब तीनों कार्यकारी अध्यक्ष पार्टी की अध्यक्ष पद की दावेदारी पेश कर रहे हैं।

लोकसभा चुनाव के दौरान जहां तीनों कार्यकारी अध्यक्ष टिकट के लिए दावे करने लगे तो वहीं शीला दीक्षित के निधन के बाद अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल हो गए। शीला दीक्षित ने ही तीनों कार्यकारी अध्यक्षों की अलग-अलग जिम्मेदारी भी तय कर दी थी, जिसमें एमसीडी, डीयू चुनाव, संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी तय की गई थी। पिछले दिनों यह भी देखा गया कि इस जिम्मेदारी को बेहतर तरीके से किसी ने नहीं निभाया। हालांकि, डीयू चुनाव को लेकर तीनों कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त हो गए हैं।

शीला दीक्षित के निधन के बाद संगठन बिल्कुल लचर हो गया है। कार्यकर्ता भी निराश हैं। विधानसभा चुनाव करीब हैं और आम आदमी पार्टी व भाजपा चुनाव को लेकर काफी सक्रिय हैं। दिल्ली में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के साथ ही प्रदेश प्रभारी की तलाश भी की जा रही है। कांग्रेस सूत्रों की मानें तो दिवंगत शीला दीक्षित व प्रदेश प्रभारी पीसी चाको के बीच चले घमासान से आलाकमान बेहद नाखुश हैं। लिहाजा, यह तय माना जा रहा है कि जल्द ही प्रदेश कांग्रेस को नया अध्यक्ष और प्रभारी भी मिलेगा। इस बीच सानिया गांधी ने दिल्ली के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं डॉ. एके वालिया और अरविंदर सिंह लवली से भेंट की।

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