भारत की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला के पिता का दुखद निधन, हरियाणा के सीएम खट्टर ने जताया शोक

चंडीगढ़: भारत की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री स्वर्गीय कल्पना चावला के पिता बनारसी लाल चावला का मंगलवार को 90 वर्ष की आयु में निधन हो गया। बनारसी लाल चावला को हरियाणा के करनाल के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों से उनका इलाज चल रहा था। परिवार के करीबी सूत्रों के मुताबिक, चावला का शरीर करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज को दान कर दिया जाएगा।

 

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने चावला के निधन की खबर एक्स (पूर्व ट्विटर) पर शेयर करते हुए लिखा कि, ''हरियाणा की बेटी कल्पना चावला के पिता श्री बनारसी लाल चावला जी के निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ। उन्होंने अपनी बेटी को सपने देखने व सितारों तक पहुंचने की आज़ादी दी, जिसने संपूर्ण विश्व में भारत का मानवर्धन किया और बाकी बेटियों के लिए प्रेरणा बनीं। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें और शोक सन्तप्त परिवार को सम्बल प्रदान करें। ॐ शांति।। "

कौन थीं कल्पना चावला?

बता दें कि, हरियाणा के करनाल में जन्मी कल्पना चावला अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय मूल की महिला और इतिहास में दूसरी भारतीय थीं। एक एयरोस्पेस इंजीनियर, चावला ने अपने पहले मिशन में, एक मिशन विशेषज्ञ और प्राथमिक रोबोटिक आर्म ऑपरेटर के रूप में 1997 में स्पेस शटल कोलंबिया में उड़ान भरी। चावला ने अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला और पहली दक्षिण एशियाई अमेरिकी महिला के रूप में इतिहास रचा। अपने दूसरे मिशन के दौरान, 16 जनवरी, 2003 को, चावला ने एसटीएस-107 के हिस्से के रूप में एक बार फिर स्पेस शटल कोलंबिया को अंतरिक्ष में लॉन्च किया। 16-दिवसीय मिशन के दौरान, चालक दल ने 80 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग किए।

हालाँकि, पृथ्वी के वायुमंडल में पुनः प्रवेश करते ही अंतरिक्ष यान विघटित हो गया, जिससे उसमें सवार सभी सात सदस्यों की मृत्यु हो गई। कल्पना चावला और जीन-पियरे हैरिसन की शादी 1983 में हुई। चावला को मरणोपरांत कांग्रेसनल स्पेस मेडल ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया, और उनकी भावना और उपलब्धियों का सम्मान करने के लिए कई सड़कों, विश्वविद्यालयों और संस्थानों का नाम उनके नाम पर रखा गया है।

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