जयपुर: राजस्थान में गत वर्ष उठे सियासी तूफान की आहट एक बार फिर सूबे के सियासी गलियारों में सुनाई देने लगी है. सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रही रस्साकशी एक बार फिर सामने आई हैं और राजस्थान कांग्रेस की अंदरुनी कलह फिर जयपुर से दिल्ली दरबार जा पहुंची है. दरअसल, बुधवार को राजधानी जयपुर में महारानी कॉलेज के वार्षिक उत्सव कार्यक्रम में पहुंचे पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने अपने एक बयान से इस राज्य के सियासी बवाल को फिर हवा दे दी है. कार्यक्रम में सचिन पायलट के पहुंचने के बाद उन्होंने सीएम अशोक गहलोत का नाम लिए बगैर कई तीखे हमले किए. पायलट ने गहलोत का नाम लिए बिना कहा कि दुर्भाग्य है कि कुछ लोग सियासत में कुर्सी से चिपके रहते हैं और ऐसे लोग अपने आप को असुरक्षित महसूस करते हैं. उन्होंने कहा कि वह सही से काम नहीं कर पाते और अपने साथ वालों को साथ लेकर नहीं चल पाते हैं. पायलट ने तंज कसते हुए आगे कहा कि नेताओं को दूसरों को आगे बढ़ने में सहायता करनी चाहिए और अपने पद को लेकर असुरक्षित नहीं होना चाहिए. पायलट ने कहा कि किसी भी नेता को असुरक्षा की भावना से ग्रसित नहीं होना चाहिए, उन्हें यह नहीं लगना चाहिए कि यदि कोई और व्यक्ति आगे बढ़ गया तो वो उनकी कुर्सी या उनकी जगह ले लेगा. 'पांच दिवसीय कार्य' को लेकर आई बड़ी खबर, शिवराज सरकार ने लिया ये फैसला रिश्तेदारों के कारण महाराष्ट्र में छिन चुकी है 2 मुख्यमंत्रियों की कुर्सी, अब संकट में घिरे 'उद्धव ठाकरे' एक्शन में आए CM शिवराज, अधिकारीयों से बोले- 'सरकार हमारे हिसाब से चलेगी, जिसे दिक्कत उसे...'