अवैध खनन के विरोध में धरना देते हुए जान दे बैठे संत, लेकिन नहीं जागी राजस्थान सरकार

जयपुर: राजस्थान में अवैध खनन के खिलाफ आत्मदाह करने वाले संत विजय बाबा ने अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया है। उनका शरीर 80 फीसद झुलस गया था और बाद में उन्हें दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में रेफर कर दिया गया था। राजस्थान के बृज क्षेत्र में अवैध खनन के विरुद्ध विजय दास 500 से अधिक दिनों से तक धरने पर बैठे थे। जिसके बाद उन्होंने अपने आप को आग लगा ली थी, जिसमें वो गंभीर रूप से झुलस गए थे और उन्हें स्थानीय अस्पताल में एडमिट कराया था। 

हालत नाजुक होने के बाद उन्हें जयपुर के SMS अस्पताल और फिर दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर किया गया, जहां आज तड़के सुबह लगभग 2.30 बजे उनकी मौत हो गई। ब्रज क्षेत्र में अवैध खनन के विरोध में एक और संत नारायण दास भी धरने पर बैठे हुए हैं। नारायण दास बाबा 19 जुलाई से मोबाइल टावर पर चढ़े हुए हैं। पुलिस-प्रशासन के अधिकारी नारायण दास को मनाने की कोशिश कर रहे हैं। प्रशासन की तरफ से संत नारायण दास को मनाने के लिए की जा रही कोशिशें भी बेअसर होती नज़र आ रही हैं। 

 

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सांगोद विधायक श्री भरत सिंह कुंदनपुर ने मुख्यमंत्री गहलोत जी को "कांख में छोरा गांव में ढिंढोरा" से इशारा दिया है कि अवैध खनन रोकने के लिए उन्हें क्या करना होगा! इस मामले में खान मंत्री का जिला ही नंबर वन है। कांग्रेस के ही विधायक का अपने मुखिया से पूछना कि क्या अवैध खनन रोकने के लिए अपना जीवन खतरे में डालकर संदेश देना होगा? एक बड़ा सवाल है। गहलोत जी को जुबानी जमाखर्च के बजाय कड़ा निर्णय लेकर दिखाना चाहिए। #Rajasthan - Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) 22 July 2022

बता दें कि संत विजय दास के धरने ने उस समय तूल पकड़ा, जब हरियाणा के नूंह में DSP सुरेंद्र बिश्नोई की खनन माफियाओं ने डंपर से कुचलकर मार डाला था। DSP ने नूंह जिले में चल रहे अवैध खनन को रोकने पहुंचे थे, जहां माफियाओं ने उन्हें मार दिया।

  

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