प्रवीण कुमार के पास नहीं थे जूते खरीदने तक के पैसे, फिर इस तरह पाई सफलता

भारतीय क्रिकेट में एक वक़्त के सबसे बेहतरीन स्विंग गेंदबाजों में से एक यूपी के प्रवीण कुमार का आज जन्मदिन हैं। प्रवीण का जन्म उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में हुआ प्रवीण कुमार एक किसान परिवार से संबंध रखते हैं, मगर उन्हें हमेशा से ही क्रिकेट में बहुत इंट्रेस्ट था। उनके पिता किसान होने के साथ-साथ पुलिस में कॉन्सटेबल भी थे। प्रवीण का बचपन आर्थिक तंगी में बीता। प्रवीण कुमार को अंडर-19 के ट्रायल के लिए जाना था मगर उनके पास अच्छे जूते नहीं थे। जूतों के दाम 3000 रुपये थे। परिवार के लिए पैसे जुटा पाना कठिन था। प्रवीण ने 2000 रुपये में अपनी साइकिल बेची तथा बाकी के पैसे अपनी मां से लेकर ट्रायल में हिस्सा लिया। घरेलू क्रिकेट में आरम्भ प्रवीण कुमार ने 2007 में एनकेपी साल्वे चैलेंजर ट्रॉफी में पहले दो मैचों में नौ विकेट लेकर सभी को हैरान कर दिया। तत्पश्चात, उन्हें भारतीय टीम के लिए सेलेक्ट कर लिया गया। उन्होंने 2007 में पाकिस्तान के विरुद्ध अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का आरम्भ। वही प्रवीण कुमार ने अपना रणजी सीजन का डेब्यू वर्ष 2005-06 में किया। प्रवीण कुमार ने अपने प्रथम ही रणजी सीजन में यूपी के लिए खेलते हुए बेहतरीन प्रदर्शन किया। प्रवीण कुमार ने इस रणजी ट्रॉफी में गेंदबाजी के साथ-साथ बल्लेबाजी में भी अपनी चमक बिखरी। प्रवीण कुमार ने जहां गेंदबाजी में पूरे सीजन में सबसे अधिक 41 विकेट प्राप्त किए वहीं बल्लेबाजी में भी 386 रन बनाए। इतने बेहतरीन प्रदर्शन के लिए प्रवीण कुमार को मैन ऑफ द सीरीज के अवार्ड से सम्मानित किया गया।

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