'उन्हें चुनाव लड़ना होता है..', कांग्रेस सांसद धीरज साहू के पास मिले करोड़ों कैश को पूर्व RBI गवर्नर रघुराम राजन ने बताया जायज !

नई दिल्ली: 12 दिसंबर को प्रकाशित हुए एक इंटरव्यू में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर डॉ रघुराम राजन ने कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू के पास से बरामद बेहिसाब नकदी का एक विचित्र "संदर्भ" दिया। डॉ राजन ने दावा किया कि विपक्षी पार्टियां, अवैध धन का उपयोग करने के लिए "मजबूर" हैं, क्योंकि चुनावी बांड सत्तारूढ़ दल के पक्ष में एक असमान खेल का मैदान प्रदान करते हैं।

 

दरअसल, संकेत उपाध्याय ने अपने प्रश्न में पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग द्वारा आइडिया एक्सचेंज में दिए गए बयान का हवाला देते हुए डॉ राजन से चुनावी बांड पर उनके विचार पूछे थे। गर्ग ने विस्तार से बताया था कि चुनावी बांड क्यों लाए गए और उन्हें सिस्टम से हटाने के क्या दुष्परिणाम होंगे। संकेत ने डॉ राजन से उस बयान पर उनके विचार पूछे, जहां गर्ग ने कहा था कि यदि चुनावी बांड हटा दिए जाते हैं, तो राजनीतिक प्रक्रिया में हर साल नकदी सड़कों पर आ जाएगी। 

इस पर रघुराम राजन ने कहा कि चुनावी बांड वित्तपोषण का एक पूरी तरह से गैर-पारदर्शी तरीका है। पार्टियों को फंड मिलता है और क्या मिलता है, यह किसी को पता नहीं चलता। अगर कोई उद्योगपति किसी पार्टी को 1,000 करोड़ रुपये दे देता है, तो जनता को कभी पता नहीं चल पाता। उन्होंने इसे चुनावों के वित्तपोषण का एक प्रतिकूल तरीका बताते हुए इसकी आलोचना की और कहा कि केवल भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ही किए गए दान का विवरण जानता है। RBI के पूर्व गवर्नर ने आगे दावा किया कि भारत में रहस्य बनाए रखना कठिन है और सत्तारूढ़ दल उन व्यापारिक घरानों की जानकारी पा सकता है, जिन्होंने विपक्षी दलों को दान दिया था।

रघुराम राजन ने कहा कि, 'मैं यह नहीं कहता कि ऐसा होता ही है, किन्तु सत्तारूढ़ दल उन लोगों को फोन कर सकता है, जिन्होंने विपक्षी दलों को पैसा दिया और उनसे पूछ सकता है कि उन्होंने फलां पार्टी को चंदा क्यों दिया।" राजन ने आगे दावा किया कि यही वजह है कि विपक्षी दलों को चुनावी बांड के बजाय नकदी का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा, "चुनाव पैसे पर लड़े जाते हैं।" इसके अलावा, रघुराम राजन ने कहा कि चुनावों के लिए सत्तारूढ़ दल, विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ छापेमारी के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED), आयकर विभाग (IT) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) जैसी एजेंसियों का उपयोग कर सकता है। उदाहरण के लिए, धीरज प्रसाद साहू के खिलाफ हाल के हमलों में, डॉ राजन ने जोर देकर कहा कि धन का इस्तेमाल चुनाव लड़ने के लिए किया जा सकता था।

 

यहां गौर करने वाली बात यह है कि कांग्रेस पार्टी भी इस विचित्र सिद्धांत को विकसित नहीं कर सकी थी, जो RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने दिया। दरअसल, रघुराम राजन कांग्रेस के करीबी माने जाते हैं और भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी के साथ अर्थव्यवस्था पर चर्चा करते हुए भी नज़र आए थे। उन्होंने राहुल के सामने भविष्यवाणी की थी कि यदि भारतीय इकॉनमी 5 फीसद की दर से भी चलती है, तो भी बहुत बड़ी बात होगी। हालाँकि, राजन की भविष्यवाणी फेल हो गई और भारत का वृद्धि दर 7 फीसद से ऊपर है। अब धीरज साहू पर उन्होंने कह दिया है कि, विपक्षी दल अवैध धन पर चुनाव लड़ने के लिए मजबूर है। जबकि, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने स्पष्ट रूप से कहा है कि साहू से जुड़े परिसरों से बरामद धन से पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है। जबकि कांग्रेस पार्टी ने खुद को इस विवाद से दूर रखा, डॉ राजन ने यह बताने में अपना दिमाग लगा दिया कि साहू से जुड़े परिसरों में इतनी नकदी क्यों जमा की गई थी।

बता दें कि, अर्थव्यवस्था पर पिछले साल कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए रघुराम राजन UPA-2 के बचाव में सामने आए थे और दावा किया था कि 2009-2014 के दौरान देश ने ज्यादा प्रगति नहीं की, क्योंकि UPA-2 बहुमत में नहीं था। उन्होंने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) UPA-2 के दौरान पेश किया गया था, लेकिन विपक्षी दलों के विरोध के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका। UPA-2 बहुमत में नहीं थी, इसलिए इस पर कानून नहीं बन सका। बता दें कि उस समय भाजपा विपक्ष में थी।

राजन ने एक तरह से UPA-2 के दौरान 'नीतिगत पंगुता' के लिए विपक्ष भाजपा को जिम्मेदार ठहरा दिया। राजन ने कहा कि, ''संसद को चलने नहीं दिया गया। आप केवल उंगली उठाकर यह नहीं कह सकते कि कुछ नहीं हुआ। यह आंशिक पक्षाघात था; वह भी विपक्ष के नेतृत्व वाला था।'' 

धीरज प्रसाद साहू के घर छापेमारी में करोड़ों बरामद:-

बता दें कि, राजन ने जिन धीरज साहू का जिक्र किया, वो धीरज प्रसाद साहू झारखंड से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद हैं। उनका परिवार आजादी के बाद से ही कांग्रेस और गांधी परिवार का करीबी रहा है। 2009 में हुए उपचुनाव में वह पहली बार राज्यसभा सांसद बने थे। 2010 में, उन्हें दूसरी बार राज्यसभा सांसद के रूप में फिर से चुना गया; 2018 में, उन्हें तीसरी बार कांग्रेस द्वारा राज्यसभा के लिए फिर से चुना गया। हालाँकि, धीरज साहू कांग्रेस के टिकट पर 2 बार लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं, लेकिन जीत नहीं पाए, पार्टी हर बार उन्हें बिना चुनाव लड़े ही राज्यसभा भेजती आई है। 

धीरज साहू संसदीय कार्यवाही में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। साहू राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में भी साथ थे। ओडिशा स्थित बौध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड, जहां धीरज प्रसाद साहू भागीदार हैं, पर हाल ही में छापे में आयकर विभाग ने 400 करोड़ से अधिक की बेहिसाब नकदी बरामद की है। कैश की बरामदगी के बाद कांग्रेस पार्टी ने अपने ही सांसद से दूरी बना ली है, वहीं रघुराम राजन का कहना है कि विपक्षी दल अवैध धन का इस्तेमाल करने के लिए मजबूर है। हालाँकि, राजन के बयान वायरल होने के बाद लोग कह रहे हैं कि, शुक्र है कि अब आप RBI गवर्नर नहीं हैं।

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