शुक्रवार को कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने अर्थव्‍यवस्‍था के मसले पर 'सर्व धर्म समभाव' का तड़का देते हुए केंद्र सरकार को घेरा. राहुल गांधी ने कहा कि भारत की अर्थव्‍यवस्‍था सभी धर्म एवं जाति के लोगों को साथ लिए बगैर नहीं चल सकती है. उन्‍होंने कहा कि जब तक लोकसभा में सभी भारतीयों एवं राज्‍य विधानसभाओं की आवाज को नहीं सुना जाता तब तक बेरोजगारी और अर्थव्‍यवस्‍था की स्थिति के बारे में कुछ भी नहीं किया जा सकता है. चीन आर्मी बना रही भूमिगत सुरंगें, भारत ने जताया विरोध तो, तनाव बढ़ा अपने बयान में राहुल ने कहा कि मैं नहीं चाहता हूं कि केवल आज के दिन ही आदिवासी समुदाय की आवाज सुनी जाए. मैं चाहता हूं कि छत्‍तीसगढ़ की सरकार को चलाने में भी आपकी आवाज को सुना जाए और आपके विचार भावी योजनाओं में शामिल किए जाएं.आज आदिवासी सामाज के सामने कई समस्‍याएं हैं। चाहे तेंदू पत्‍ते की बात हो या आपको जमीन देने की बात हो छत्‍तीसगढ़ की सरकार आपके साथ मिलकर काम कर रही है. आप सभी लोग देश के अर्थव्‍यवस्‍था की हालत और बेरोजगारी की समस्‍या से परिच‍ित हैं. मैं फिर दोहराना चाहता हूं कि ब‍िना सबको साथ लिए देश की अर्थव्‍यवस्‍था को नहीं चलाया जा सकता है. इस भाजपा शासित राज्य में गरीबों के लिए हुआ जबरदस्त काम, मुख्यमंत्री ने दिया ये पैगाम आपकी जानकारी के लिए बता दे कि तीन दिनों तक चलने वाले राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का शुभारंभ करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद हिंसा में कमी आई है. इसका कारण यह है कि यह सरकार आपकी आवाज सुनती है. चाहे आदिवासियों को उनकी जमीन वापस दिलाने की बात हो या वन अधिकार दिलाने की बात, छत्‍तीसगढ़ की सरकार आदिवासियों के साथ खड़ी है. राज्‍य की विधानसभा में किसी एक व्यक्ति नहीं, सबकी आवाज सुनाई देती है. जब देश के सभी वर्गों की आवाज विधानसभाओं में लोकसभा में सुनाई देगी तभी देश का विकास होगा. जम्मू कश्मीर में खून जमा देने वाली ठंड, शून्य से 12 डिग्री नीचे पहुंचा तापमान आज ही के दिन पहली बार गूंजा था "जन गण मन", जानिए अंग्रेजी वर्जन के खास शब्द VIDEO: कांग्रेस नेता के बिगड़े बोल, 'पेट्रोल-डीजल तैयार रखो, ऑर्डर मिलते ही सबकुछ जला दो'