राजभवन तय करेगा मध्य प्रदेश का राजनीतिक भविष्य

मध्यप्रदेश की राजनीति में ज्योतिरादित्य सिंधिया की वजह से काफी बड़ा उलटफेर देखने को मिल रही है. वर्तमान में सिंधिया समर्थक 23 विधायकों के इस्तीफे के बाद सारा दारोमदार मध्य प्रदेश के राजभवन पर आ गया है. गुरुवार को राज्यपाल लालजी टंडन लखनऊ से भोपाल वापस लौट रहे हैं. टंडन के लौटते ही प्रदेश का राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदलेगा. सबसे पहले तो उन छह मंत्रियों को पद से हटाने पर फैसला होगा, जिन्हें हटाने की सिफारिश मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दो दिन पहले की है.

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि 16 मार्च से विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो रहा है, जो खासा गहमा-गहमी भरा होगा। भाजपा राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान ही शक्ति परीक्षण (फ्लोर टेस्ट) की मांग कर सकती है.राज्यपाल टंडन होली का त्योहार मनाने लखनऊ गए हैं. गुरुवार को उनके भोपाल लौटते ही राजनीतिक उठापटक तेज होने की संभावना है.जानकार बताते हैं कि भाजपा नेता प्रदेश की वर्तमान राजनीतिक स्थिति से वाकिफ कराने के लिए राजभवन जा सकते हैं. साथ ही विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले सरकार को बहुमत सिद्ध करने की चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। सारा दारोमदार राज्यपाल टंडन पर है कि भाजपा की ओर से उठने वाली ऐसी मांग पर वह क्या निर्णय लेते हैं.

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सीएम कमलनाथ, सिंधिया समर्थक महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी, स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट, राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, श्रम मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, खाद्य मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी को पद से हटाने के लिए राज्यपाल को विधिवत पत्र लिख चुके हैं. राज्यपाल छुट्टी पर चल रहे हैं, इसलिए इस पत्र पर अब तक फैसला नहीं हो सका है.

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