आज हम आपको गोविंद द्वादशी व्रत के बारे में बताने जा रहे हैं. इस व्रत को करने से आपने मन की सभी मनोकामना पूरी होती हैं. इस व्रत का नाम गोविंद द्वादशी हैं इस व्रत का महिमामंडन स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने किया था. इसलिए इस व्रत का बड़ा महत्व शास्त्रों में बताया गया है. यह व्रत मानव जीवन का कल्याण करने वाला आरोग्य देने वाला और सभी मनोकामनाओं को पूरा करना वाला होता है. गोविंद द्वादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है. वहीं, इस तिथि को भगवान विष्णु की आऱाधना से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है. इस साल गोविंद द्वादशी का व्रत 6 मार्च 2020 को है. आपको बता दे कि शास्त्रोक्त मान्यता है कि सबसे पहले गोविंद द्वादशी का व्रत एक यादव कन्या के द्वारा रखा गया था. इस व्रत को करने के वजह से उसको पृथ्वीलोक पर सभी सुखों की प्राप्ति हुई थी और देह अवसान के पश्चात् मोक्ष मिला था. इस व्रत के संबंध में भगवान श्रीकृष्ण ने पितामह भीष्म को बताया था और इस बात को विस्तारपूर्वक बतलाया था कि कैसे यादव कन्या ने को इस व्रत के करने से पुण्य फल की प्राप्ति हुई थी. गोविंद द्वादशी का व्रत करने वालों को दान, पुण्य, हवन, तर्पण आदि का बड़ा महत्व बतलाया गया है. यह भी मान्यता है कि जो कोई भी मानव इस दिन दान करता है उसको भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और वह मृत्यु के पश्चात् ऐसे व्यक्ति को वैकुण्ठ धाम मिलता है. वैदिक शास्त्रों के मुताबिक इस व्रत को करने और इस दिन विधि-विधान से पूजा करने पर समस्त पापों का नाश होकर पुण्य फल की प्राप्ति होती है. इस व्रत को करने से साड़ी मनोकामना पूरी होती हैं. इस अभिनेता को मिल सकता है ड्राइविंग लाइसेंस के रीमेक का अधिकार ममूटी की नयी फिल्म बिलाल की शूटिंग हुई शुरू फहद फासिल की फिल्म 'मलिक' की रिलीज डेट हुई तय