अब चित्तौड़गढ़ किले पर हुआ वज्रपात, ऐतिहासिक कीर्ति स्तम्भ से 40 किलो का पत्थर टूटकर गिरा

जयपुर: राजस्थान में आसमान से आकाशीय बिजली गिरने का सिलसिला जारी है और इस बार चित्तौड़गढ़ के ऐतिहासिक किले को वज्रपात से बड़ा नुकसान पहुंचा है. वहां स्थित कीर्ति स्तम्भ पर बिजली गिरी थी, जिसके कारण उसका लगभग 40 किलो वजनी पत्थर टूटकर गिर गया है. किन्तु देखा जाए तो यहां नुकसान बिजली गिरने से नहीं, बल्कि प्रशासन की लापरवाही के चलते हुआ है, क्योंकि कीर्ति स्तम्भ पर लगा तड़ित चालक (Lightening rod or lightening conductor) खराब पड़ा था.

बता दें कि यह धातु से निर्मित एक छड़ होती है, जिसे ऊंची इमारतों पर बिजली गिरने से उसकी रक्षा करने के लिए लगाया जाता है.  भारतीय पुरातत्व और संरक्षण विभाग के गार्ड ने मीडिया को बताया है कि शाम को लगभग साढ़े सात बजे बिजली गिरी थी. इससे कीर्ति स्तम्भ पर उत्तरी दिशा में लगी मूर्ति के नीचे का पत्थर टूट गया. इसके साथ ही बाद में देखा तो पाया कि पीपल के 2 पेड़ भी काले पड़ गए हैं और वहां पर बड़ा गड्ढा बन चुका है. बता दें कि कीर्ति स्तम्भ पर इससे पहले भी वज्रपात हो चुका है.

बता दें कि बुधवार को भी राजस्थान के विभिन्न हिस्सों में आकाशीय बिजली गिरने से छह लोगों की मौत हुई और 20 से अधिक पशु मारे गए. बीते चार दिनों में राजस्थान में अब तक आकाशीय बिजली गिरने के चलते 28 लोगों की जान चली गई है. बता दें कि इसी सप्ताह जयपुर के आमेर किले में मौजूद वॉच टॉवर पर वज्रपात हुआ था. इसमें 11 लोगों की मौत हो गई थी. बताया गया था कि उस दिन 12 जुलाई को आमेर किले पर 40 मिनट में कई बार वज्रपात हुआ था. 

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