केरल में 43 जिंदगिया लीलने वाला रैट फीवर आखिर है क्या?

नई दिल्ली। भीषण बाढ़ की त्रासदी झेलने के बाद केरल अब वापस पटरी पर आ रहा है। बाढ़ से बेहाल केरल अब संक्रामक बीमारियों की मार झेल रहा है। बाढ़ का पानी उतरने के साथ ही इस समय केरल में कई संक्रामक बीमारियां अपने पैर पसार रही हैं। इनमें रैट फीवर से अब तक 43 मौतें हो चुकी हैं। जानकारी के अनुसार, अकेले अगस्त म​हीने में इस बीमा​री से पीड़ित 559 मामले सामने  आए है, जबकि अकेले अगस्त में इससे 34 मौतें हो चुकी हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने रैट फीवर को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है। इस बीमारी से बचने के लिए गाइडलाइन भी जारी की गई है। आज हम आपको बता रहे हैं कि आखिर यह रैट फीवर है क्या? 

केरल में बाढ़ के बाद अब संक्रामक बिमारियों का खतरा, अब तक 38 की मौत

रैट फीवर क्या है

यह  बीमारी बैक्टिरिया से फैलती है। यह बैक्टिरिया गंदे पानी में ज्यादा पनपते हैं। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, यह बीमारी घरेलू और जंगली दोनों तरह के जानवरों से फैलती है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, जब जानवर गंदे पानी में जाते हैं, तो यह बैक्टीरिया उन्हें अपना शिकार बना लेते हैं। फिर  जब यह जानवर किसी अन्य पानी में जाते हैं, तो बैक्टीरिया उस पानी में चले जाते हैं और संक्रमण आम आदमी तक पहुंचने लगता है। इसके अलावा रैट फीवर से पीड़ित जानवर ने अगर किसी पौधे या घास पर पेशाब कर दी हो, तो यह बैक्टीरिया उस पौधे या घास पर रह जाते हैं। जब आम आदमी इनके संपर्क में आता है, तो यह बैक्टीरिया उसकी त्वचा के जरिए शरीर में पहुंच जाते हैं। इसके अलावा इस बैक्टीरिया से दूषित खाना, पानी या सुई चुभ जाने से भी यह फैलता है। 

यह अंग होते हैं प्रभावित 

रैट बैक्टीरिया का सबसे ज्यादा असर  किडनी और दिमाग पर पड़ता है। यह लीवर को भी डैमेज कर सकता है। इसके अलावा इससे श्वांस संबंधी रोग भी हो सकते हैं। 

लक्षण 

- सिरदर्द  - तेज बुखार -पेट दर्द के साथ उल्टियां होना - सांस लेने में तकलीफ होना - दर्द से बदन टूटना 

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