बेंगलोरः कर्नाटक की येदुरप्पा सरकार ने अरबों रूपये की पोंजी घोटाले की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौपा हैं। राज्य सरकार ने इसके पीछे कारण बताया है कि इसमें आरोपितों और पीड़‍ितों में राज्य के बाहर के लोग भी शामिल हैं और दूसरे राज्यों में भी जांच की जानी है। एसआइटी अरबों रुपये के आइएमए ज्वेल्स मामले की जांच कर रही थी। आइ मोनेटरी एडवाइजर यानी आइएमए नामक कंपनी पर भारी मुनाफा का लालच देकर हजारों निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप है। एसआइटी ने कंपनी के एमडी मोहम्मद मंसूर खान समेत कंपनी के कई अधिकारी के साथ ही कई सरकारी अधिकारियों को भी गिरफ्तार किया है। इस मामले में एसआइटी ने कई नेताओं से भी पूछताछ की थी। निवेशकों की तरफ से शिकायतें दर्ज कराए जाने के बाद मुख्य अभियुक्त मंसूर खान दुबई भाग गया था। उसने एक वीडियो जारी कर कई नेताओं और गुंडों पर उसे परेशान करने का आरोप लगाया था। उसने आत्महत्या करने की धमकी दी थी और स्वदेश लौटने की बात भी कही थी। बाद में वह लौटा तो एसआइटी ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। मामला सामने आने के बाद कर्नाटक सरकार ने एसआइटी का गठन किया था। इस घोटाले में कांग्रेस के एक निष्कासित विधायक रोशन बेग का भी नाम सामने आया था। रोशन बेग को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण कांग्रेस ने पार्टी से बाहर निकाल दिया था। दुनिया को अलविदा कह गए मध्‍य प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री, भोपाल में हुआ निधन जब शौचालय कम बने तो ज्यादा कैसे बताए, सीएम योगी ने 6 डीएम से मांगा जवाब कलयुगी बाप ने किया रिश्तों को शर्मसार, 15 साल तक अपनी ही बेटी से करता रहा बलात्कार