अब ओला-उबर और बसों के लिए अनिवार्य रहेंगे ये उपकरण, सरकार ने जारी किए आदेश

बेंगलुरु: कर्नाटक में मंगलवार से राज्य का सड़क परिवहन कार्यालय किसी भी सवारी या व्यवसायिक वाहन को फिट का प्रमाणपत्र तब तक नहीं देगा जब तक वाहन में जीपीएस और पैनिक बटन लगी हुई न हो. कर्नाटक राज्य परिवहन विभाग ने सोमवार को एक विज्ञप्ति में कहा है कि रोड ट्रांसपोर्ट और हाइवे मंत्रालय ने सभी वाहनों में जीपीएस और पैनिक बटन को अनिवार्य कर दिया है.

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विज्ञप्ति में बताया गया है कि 1 जनवरी 2019 से राष्ट्रीय परमिट की सभी पब्लिक और पैसेंजर वाहनों के लिए एआईएस 140 सर्टिफाइट व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम और इमरजेंसी बटन होना अनिवार्य किया गया है. एक बार ये जानकारी उपलब्ध हो जाने पर राज्य गाड़ियों पर नजर रख सकेगा और उन्हें ट्रेक कर सकेगा कि वाहन कही ओवरस्पीड तो नहीं चल रहे. 

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बीएसएनएल ने इसके लिए एक नेशनल व्हीकल ट्रेकिंग पोर्टल भी तैयार किया है, इस पोर्टल के माध्यम से आरटीओ वाहनों को ट्रैक कर सकेगा. इसे यात्री और वाहन दोनों की सुरक्षा के लिए आरम्भ किया जा रहा है. वहीं यदि कोई सवारी पैनिक बटन दबाती है तो अधिकारी वाहन को ट्रैक कर लेंगे. ये व्यवस्था इसलिए की जा रही है क्योंकि पब्लिक वाहनों में अक्सर सवारियों के साथ गलत घटनाओं की खबरें आती है.

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